वापस लौट रहा गन्ने की खेती का आकर्षण
गत साल की अपेक्षा इस साल हो रही अधिक खेती
बस्ती: उपयुक्त मिट्टी,अनुकूल जलवायु तथा प्रचुर मात्रा में कामगारों की उपलब्धता के बावजूद बीते कुछ वर्षो से गन्ने की खेती का आकर्षण घटता जा रहा था। मुंडेरवा में चीनी मिल का निर्माण शुरू होने के साथ इस वर्ष गन्ने की खेती का रकबा बढ़ा है। किसानों ने उन्नत किस्म और नई तकनीक भी अपनाई है जो इस बात का सबूत है कि गन्ने की खेती का आकर्षण वापस लौट आया है। डेढ़ दशक में मुंडेरवा परिक्षेत्र में गन्ना क्षेत्रफल और उत्पादन लगातार घट रहा था। सहकारी गन्ना समिति मुंडेरवा के आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2006-07 में किसानों ने 38.30 लाख ¨क्वटल गन्ना समिति के माध्यम से मिल को बेंचा था। यह आंकड़ा अब तक का सर्वाधिक है। 2012-13 में मुंडेरवा क्षेत्र में 13281हेक्टेयर में गन्ना बोया गया था और चीनी मिलों को 34.86 लाख ¨क्वटल गन्ना बेचा गया था। 1998 से पहले के वर्षों में भी आपूíत का आंकड़ा 25 लाख ¨क्वटल के आस-पास रहा। मुंडेरवा चीनी मिल बंद होने के बाद गन्ने की खेती का क्षेत्र और उत्पादन घटना शुरू हो गया 2013-14 में गन्ना क्षेत्रफल घट कर 11542 हेक्टयर तथा गन्ना आपूíत 26.74 लाख ¨क्वटल रही। 2014-15 में मात्र9087 हेक्टेयर भूमि पर गन्ने की खेती हुई। मिल को होने वाली आपूíत मात्र 20.55 लाख ¨क्वटल थी। 2016-17 सत्र में गन्ना क्षेत्रफल घटकर 8 हजार हेक्टेयर के करीब पहुंच गया था। मुंडेरवा में चीनी मिल की स्थापना की घोषणा के बाद किसानों का उत्साह बढ़ा और गन्ना विकास विभाग भी सक्रिय हुआ है। आगामी पेराई सत्र के लिए गन्ना सर्वे का कार्य अभी चल रहा है और अनुमान लगाया जा रहा है कि इस वर्ष गन्ना रकबा 9 हजार हेक्टेयर के आंकड़े को पार कर जाएगा। गन्ना विभाग की माने तो गन्ना रकबा 10 फीसद बढ़ाने के लक्ष्य को लेकर उन्होंने काम भी किया है। गन्ना विकास परिषद मुंडेरवा के ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक सुभाष चंद्र त्रिपाठी का कहना है कि इस वर्ष गन्ने की बोआई कराने के साथ ही सर्वे ,सट्टा का पूरा काम विभाग करेगा। ताकि किसानों को मिलों का चक्कर न लगाना पड़े । नए सदस्य बनाने का काम भी तेजी से चल रहा।
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गन्ना सर्वे का हुआ निरीक्षण
जासं.टिनिच, बस्ती: सहकारी गन्ना समिति टिनिच क्षेत्र में चल रहे गन्ना सर्वे का निरीक्षण मंगलवार को ज्येष्ठ गन्ना निरीक्षक रमेश ¨सह ने किया। गन्ना सर्वे के सत्यापन के लिए साड़ी हिच्छा गांव निवासी शंकर के गन्ने के प्लाट पर पहुंच कर गन्ने के रकबे की जानकारी ली। सर्वे कर्मी गणेश शुक्ल के साथ प्लाट को नाप कर पुन: देखा। इसके बाद इटहिया गांव के मुन्ना लाल के प्लाट का भौतिक सत्यापन किया। कहा इस बार गन्ना सप्लाई निकट समिति द्वारा ही होना है। इसलिए जरूरी है सर्वे कर्मी को मौके पर ही आधार कार्ड, बैंक पासबुक, शपथ पत्र व खतौनी की फोटो कापी किसान उपलब्ध करा दें। यदि इन कागजों की कमी रह जाएगी तो किसानों का कोटा नहीं बन पाएगा। गन्ना पर्यवेक्षक रत्नेश कुमार वर्मा भी मौजूद रहे।