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चुनौतियों के बीच तालमेल बनाकर निभाई जिम्मेदारी

परिवार से दूर रहना खुद के साथ परिवार के लिए भी सुरक्षित था।

By JagranEdited By: Published: Thu, 23 Apr 2020 10:52 PM (IST)Updated: Thu, 23 Apr 2020 10:52 PM (IST)
चुनौतियों के बीच तालमेल बनाकर निभाई जिम्मेदारी
चुनौतियों के बीच तालमेल बनाकर निभाई जिम्मेदारी

बस्ती : लॉकडाउन लागू होने के एक माह पूरा होने पर जागरण ने पुलिस अधिकारियों से बातचीत की तो उन्होने अपने सामने आईं चुनौतियों और अनुभव के साथ ही समस्यायों के निस्तारण के तरीके पर खुलकर बात की। इतना ही नहीं परिवार को लेकर किस तरह तालमेल बैठाया इसके बारे में भी जानकारी दी। अफसर हों या फिर पुलिस जवान। दोनों की अलग-अलग पीड़ा है। एक ही चौराहे पर ड्यूटी देने में घंटे का बंधन टूट गया है तो दूसरे की भागदौड़ में।

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जमातियों की जानकारी जुटाना रहा चुनौतीपूर्ण

दिल्ली के तब्लीगी जमातियों के बारे में जैसे ही गोपनीय सूचना मिली पुलिस सक्रिय हो गई, मगर पुलिस के सामने उनकी जानकारी जुटाना बेहद चुनौती वाला काम था। वह कितनी संख्या में हैं, किन-किन लोगों के संपर्क में वह आए इसकी जानकारी करना काफी मुश्किल था। इसी बीच जमातियों के बीच से एक व्यक्ति ने पुलिस को जमातियों के ठिकानों के बारे में जानकारी दी। बस्ती जिले से 55 तो संतकबीरनगर जिले से 14 तब्लीगी जमातियों के बारे में जानकारी मिली। इन सबको क्वारंटाइन कराया गया। यह किन-किन लोगों के संपर्क में आए, इसकी जानकारी अभी भी नहीं हो पाई है। बस्ती में अभी भी लोग कोरोना संक्रमण को लेकर गंभीर नहीं हो सके हैं। आए दिन कोरोना का केस बढ़ रहा है, इसे लेकर उच्चाधिकारियों व शासन की नाराजगी झेलनी पड़ रही है। लॉकडाउन में तकरीबन एक माह परिवार से दूर रहा। धीरे-धीरे परिवार के सदस्यों को बुला रहा हूं।

आशुतोष कुमार, आइजी, बस्ती जोन

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काम में भूल गए दोपहर का लंच

शाम को आवास पर दिनभर के सारे काम निपटाकर ही जाते हैं। अब तो दोपहर का लंच भी बंद कर दिया है। पुलिसकर्मियों के अवकाश रद कर दिए गए हैं। उनके परिवार के लोग बीमार हैं, इसके बाद भी उन्हे छुट्टी नहीं मिल पा रही है, इसके बाद भी पुलिस कर्मी पूरे मनोयोग से अपनी ड्यूटी कर रहे हैं। विभाग के पास जो भी बजट था, उससे मास्क, ग्लब्स व सैनिटाइजर खरीदे गए। लॉकडाउन के दौरान कुछ लोग नासमझी कर रहे हैं, ऐसे तीन सौ से अधिक लोगों पर कार्रवाई की गई है। हॉटस्पॉट वाले एरिया में ड्यूटी चुनौतीपूर्ण है, क्षेत्र को सील करना और संक्रमण न बढ़ने देने की चुनौती पुलिस के सामने थी। सुबह दूध की डिलेवरी हो या जरूरतमंदों के बीच राशन का वितरण हो, हर कार्य में पुलिसकर्मी तल्लीनता के साथ काम कर रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान शबे बरात, नवरात्र के बाद अब माह-ए-रमजान की चुनौती पुलिस के सामने है।

हेमराज मीणा, पुलिस अधीक्षक, बस्ती।

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पुलिसकर्मियों के लिए कर्तव्यबोध सबसे ऊपर

लॉकडाउन घोषित होने के बाद पुलिस के सामने चुनौतियां बहुत थी। अपने आपको सुरक्षित रखकर बाहर से आए लोगों को क्वारंटाइन कराना चुनौतीपूर्ण था। समस्याएं उन ग्रामीणों से अधिक थीं जो अपने गांव में बाहर से आए लोगों के बारे में जानकारी नहीं दे रहे थे। जैसे तैसे उनकी जानकारी जुटाकर उन्हे क्वारंटाइन कराया गया। जैसे जैसे लॉकडाउन बढ़ता गया पुलिस की चुनौती भी बढ़ती गई। पुलिस अधिकारियों, थानेदारों और चौकी प्रभारियों ने अपनी सूझबूझ से लोगों को कोरोना वायरस के संक्रमण की भयावहता के बारे में बताया। तमाम स्थानों पर मुस्लिम समुदाय के लोगों के बीच जाकर लॉकडाउन के दौरान सरकार के निर्देशों का पालन करने का अनुरोध किया। परिवार को लेकर तालमेल बैठाया। रोजाना जिले के विभिन्न क्षेत्रों में लोगों के बीच जाना होता था, ऐसे में खुद नहीं चाहता था कि परिवार साथ रहे। परिवार से दूर रहना खुद के साथ परिवार के लिए भी सुरक्षित था।

पंकज, अपर पुलिस अधीक्षक, बस्ती।

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पुलिस साबित कर रही अपनी उपयोगिता

लाकडाउन के दौरान कोरोना पाजिटिव केस मिलने के बाद बाद कोतवाली क्षेत्र के तुर्कहिया और मिल्लतनगर (बेलवाडाड़ी) को हॉटस्पॉट एरिया घोषित किया गया था। दोनो एरिया को चार सेक्टर में बांटा कर पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई। सुरक्षा के पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी सिर पर थी, ऐसे में लगातार हॉटस्पॉट एरिया का भ्रमण करता रहा। यहां तैनात पुलिस कर्मियों की ड्यूटी शिफ्टवार लगाकर उन्हे दबाव से मुक्त करने की कोशिश की। बस्ती शहर में लगातार बाहर से आ रहे लोग उनके लिए चुनौती बने रहे। उनका थर्मल स्क्रीनिग कराने के साथ ही उनके लिए भोजन और वाहन तक उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी निभाई। हॉटस्पॉट एरिया में कुछ लोगों ने झूठी सूचना देकर पुलिस को परेशान भी किया। बस्ती में परिवार से दूर रहने की चिता तो रही, मगर इस बात का संतोष था कि परिजन घर पर सुरक्षित है। उन्हे फोन कर हाल चाल लेता रहा।

रामपाल यादव, शहर कोतवाल, बस्ती।


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