स्वच्छता में बेहतरी की निकाय कर्मियों को बताई तरकीब
बस्ती की स्थिति खराब, गोंडा से भी खराब है यहां की प्रगति
बस्ती : नगर निकायों का स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 कार्यक्रम शुरू हो गया है। गुरुवार को मंडलीय कार्यशाला में सभी नगर पालिका, नगर पंचायतों को सफाई में बेहतर स्थान दिलाने के लिए यहां के जिम्मेदारों को टिप्स दिए गए। कार्यशाला में बस्ती नगर पालिका की स्थिति पर गहन ¨चतन हुआ, बताया गया कि गोंडा से भी खराब प्रगति यहां की है, इसमें सुधार की जरूरत है। सुधार के विभिन्न ¨बदुओं को साझा किया गया और प्रेरित किया गया कि इस पर काम करके स्वच्छता में अच्छा अंक हासिल करें।
तहसील सभागार में आयोजित कार्यशाला में मंडल के बस्ती, संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर के ईओ, स्वच्छ भारत मिशन के डीपीएम और कंप्यूटर आपरेटर शामिल हुए। इन सभी को राज्य स्तरीय व मंडल स्तरीय केंद्रीय टीम की ओर से नामित प्रतिनिधियों ने स्वच्छता में कैसे आगे बढ़ें विषय पर जानकारी दी। खुले में शौच की प्रथा कैसे खत्म हो और हर परिवार शौचालय का प्रयोग करे इस पर चर्चा हुई। तय हुआ कि जिन परिवार के पास अभी तक शौचालय नहीं है, और किन्हीं कारण से वह शौचालय नहीं बनवा पा रहे हैं, तो ऐसी स्थिति में वैकल्पिक व्यवस्था करें वार्ड को ओडीएफ घोषित किया जाए। राज्य से आए एसबीएम के बाह्य विशेषज्ञ विकास रस्तोगी ने बस्ती मंडल के सभी ईओ, अध्यक्ष से कहा कि गोंडा की स्थिति सबसे खराब थी, अब वहां तेजी से सुधार हुआ और चौथे स्थान पर आ गया, क्यों न बस्ती भी वैसा ही सुधार करे। सीआरओ आरडी पांडेय ने भी सुझाव दिए। इस दौरान अध्यक्ष नपा बस्ती रुपम मिश्रा, अध्यक्ष रुधौली धीरसेन निषाद, ईओ नगर पालिका बस्ती डा. मणि भूषण तिवारी, भाजपा नेता पुष्कर मिश्र, सफाई एवं खाद्य निरीक्षक सोम कुमार समेत एसबीएम के मंडलीय और जिले के डीपीएम मौजूद रहे।