चार लाख 64 हजार पशुओं को लगाया जाएगा टीका
इस बार 15 सितंबर से पशु टीकाकरण अभियान शुरू होगा। 4.64 लाख पशुओं को खुरपका-मुंहपका का टीका लगाया जाएगा। यह जानकारी मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा. एके तिवारी ने गुरुवार को दैनिक जागरण के लोकप्रिय कार्यक्रम प्रश्न पहर में पाठकों के सवालों के जवाब में दीं।
बस्ती: इस बार 15 सितंबर से पशु टीकाकरण अभियान शुरू होगा। 4.64 लाख पशुओं को खुरपका-मुंहपका का टीका लगाया जाएगा। यह जानकारी मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा. एके तिवारी ने गुरुवार को दैनिक जागरण के लोकप्रिय कार्यक्रम प्रश्न पहर में पाठकों के सवालों के जवाब में दीं। परशुरामपुर से कालीदीन, छावनी से रामनरेश व दुबौलिया से सीताराम ने पशुओं के टीकाकरण के संबंध में सवाल किए तो सीवीओ ने कहा कि इन दिनों पशुओं को गंदी जगहों से दूर रखें। उनके बैठने के स्थान पर सफाई रखें, कीचड़ व गंदगी न होने दें, इससे पशु संक्रामक बीमारियों की चपेट में आने से बच जाएंगे। पिपराकाजी के रामानंद ने कह कि उनकी भैंस की पड़िया दस दिन की है। उसे कीड़े की दवा दी जा सकती है या नहीं। सीवीओ ने बताया कि एलबोमार 30 एमएल रात में पिलाने के बाद एक गुड़ खिला दें, कीड़े की समस्या खत्म हो जाएगी। यदि नाभि में कीड़े लग गए हैं जो उसे तारपीन के तेल से साफ करें। हर्रैया से रामहरख सिंह, बनकटी से शेषनाथ सिंह व मुंडेरवा से हरिराम ने गोवंशीय पशुओं के रखरखाव के सरकारी इंतजाम के संबंध में सवाल किए तो सीवीओ ने बताया कि रमना तौफीर में वृहद गोसंरक्षण केंद्र चालू हो गया है। यहां 35 पशु रखे गए हैं। यहां पशुओं की सुरक्षा व रखरखाव के लिए पूरे इंतजाम किए गए हैं। पंचायत विभाग व पशु पालन विभाग के कर्मचारी वहां नियमित ड्यूटी दे रहे हैं। यह भी कहा कि सरकार निराश्रित गोवंश जन सहभागिता योजना चला रही है। जो पशु पालक या किसान पशुओं को गोद लेना चाहें उन्हें सरकार प्रति पशु 900 रुपये देगी। एक पशु पालक को अधिकतम चार पशु दिए जा सकते हैं। अब तक 2669 निराश्रित पशुओं को संरक्षित किया जा चुका है। चिलमा बाजार से रामअशीष ने जर्जर पशु अस्पताल के संबंध में सवाल किए तो सीवीओ ने कहा कि चिलमा व परशुरामपुर में पशु चिकित्सालय का नया भवन बनाने की सरकार की योजना है। शीघ्र ही निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। यह भी बताया कि संचारी रोगों की रोकथाम के लिए पशु पालन विभाग जनजागरूकता अभियान चला रहा है। अभियान के तहत सूकर पालकों के साथ बैठक व गोष्ठी कर उन्हें दूसरे व्यवसाय से जुड़ने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। प्रयास है कि जनपद सूकर मुक्त हो जाए तथा इंसेफ्लाइटिस के वाहक सूकरों से निजात मिल जाए।