जंगली जानवरों के भय से भगा दिए गए संरक्षित गोवंश
कुदरहा विकास क्षेत्र के ग्राम पंचायत सिसई बाबू के राजस्व गांव कड़जा अजमतपुर के अस्थाई गो आश्रय में अब महज 4 ही गोवंश मौजूद है। इसमें रखे गए गोवंश में से आधे से अधिक की मौत हो चुकी है जबकि बचे गोवंश को भगा दिया गया।
बस्ती: कुदरहा विकास क्षेत्र के ग्राम पंचायत सिसई बाबू के राजस्व गांव कड़जा अजमतपुर के अस्थाई गो आश्रय में अब महज 4 ही गोवंश मौजूद है। इसमें रखे गए गोवंश में से आधे से अधिक की मौत हो चुकी है जबकि बचे गोवंश को भगा दिया गया।
विकास खंड के सर्वाधिक गोवंश संरक्षण वाले आश्रय स्थल के रूप में जाना जाने वाला कड़जा अजमतपुर का पशु आश्रय स्थल बदइंतजामी का शिकार है। भूख, बीमारी व जंगली जानवरों के काटने से जब यहां रखे गए गोवंश की मौत होने लगी तो जिम्मेदारों ने पशु आश्रय स्थल में रखे गोवंश को भगा दिया। ग्रामीणों का कहना है कि जब यह गो आश्रय स्थल शुरू हुआ था तो 25 पशु रखे गए थे। इनमें से आधे से अधिक की मौत हो गई। जो बचे उन्हे जंगली जानवरों के भय से भगा दिया गया। अब यहां सिर्फ दिखावे के लिए 4 गोवंश ही मौजूद हैं। इस आश्रय स्थल में गोवंश की सुरक्षा तक के इंतजाम नहीं हैं। आश्रय स्थल के चारों ओर लोहे की जाली लगाई गई है, मगर इसकी उंचाई कम होने के कारण और जगह जगह जाली के नीचे से घुसने की जगह होने के कारण जंगली जानवर गो आश्रय स्थल में घुस आते हैं और पशुओं को काट लेते हैं। आश्रय स्थल में पर्याप्त भूसा, पशु आहार और हरे चारे तक की व्यवस्था नहीं है। यहां का सोलर लाइट खराब है। ग्रामीणों की मानें तो जब से यह लगा है जला ही नहीं।
ग्राम विकास अधिकारी अखिलेश चौधरी बताया कि जंगली जानवरों के आतंक से पशुओं को गो आश्रय स्थल से भगा दिया गया। अब फिर से उन्हे रखा जा रहा है।
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पांच मृत गोवंश का पोस्टमार्टम अब तक किया गया है। इनमें से कुछ की मौत जंगली जानवरों के काटने से हुई है। ग्राम पंचायत ने गोवंश की सुरक्षा को लेकर पर्याप्त व्यवस्था नहीं की है।
डा. फजील खान, पशु चिकित्साधिकारी कुदरहा, बस्ती।