पटरी पर आया प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व स्वास्थ्य अभियान
कोरोना काल में भी प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान का मिल रहा लाभ।
जागरण संवाददाता, बस्ती : कोरोना संक्रमण काल में भी प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान का लाभ मिल रहा है। अस्पताल आने वाली गर्भवतियों की संख्या में इजाफा हुआ है। पिछले माह आयोजित हुए प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान की अपेक्षा नवंबर में आयोजित कार्यक्रम में ज्यादा संख्या में गर्भवती माताओं ने नियमित जांच कराई है। एचआरपी (हाई रिस्क प्रेग्नेंसी) महिलाओं की संख्या भी बढ़ गई है। नौ तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) का आयोजन होता है। कोरोना काल में गर्भवती की सुरक्षा के मद्देनजर इसे रोक दिया गया था। इधर इसे दोबारा फिर से शुरू किया गया है। विभाग का जोर है अब ज्यादा से ज्यादा गर्भवती माताएं आयोजन में शामिल होकर अपनी जांच कराएं। डिप्टी सीएमओ डा. सीके वर्मा ने बताया कि अक्टूबर में आयोजित कार्यक्रम में 1105 गर्भवती माताओं ने अपनी जांच कराई थी। इसमें द्वितीय व तृतीय तिमाही वाली 778 थीं। इनमें से 108 एचआरपी मिली थीं। इस माह 1624 महिलाओं ने अपनी जांच कराई। द्वितीय व तृतीय तिमाही वाली महिलाओं की संख्या भी बढ़कर 1245 हो गई। इनमें से 165 गर्भवती हाई रिस्क वाली चिह्नित की गई हैं। एचआरपी की सूची तैयार कर उनकी मानीटरिग की जाएगी। बेहतर इलाज की सुविधा मुहैया कराई जाएगी। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य शिशु एवं मातृ मृत्यु दर को न्यूनतम करना है।
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5382 की हो चुकी है जांच इस सत्र में नवंबर तक 5382 गर्भवती माताओं ने पंजीकरण कराया है। इनमें 472 हाई रिस्क वाली गर्भवती हैं। गर्भवती की बीपी, शुगर जांच के साथ हीमोग्लोबीन, एचआईवी, जीडीएम व सिफलिस की जांच कराई जाती है। कई अस्पतालों में अल्ट्रासाउंड भी कराया जा रहा है।