सिर्फ नाम का पार्क, खेलने को तरस रहे बच्चे
शहरी क्षेत्र में नगर पालिका ने पार्को की सौगात तो दी है,
बस्ती : शहरी क्षेत्र में नगर पालिका ने पार्को की सौगात तो दी है, लेकिन देखरेख के अभाव में पार्क बदहाल हो गए हैं। लोग यहां न घूम सकते हैं। न मार्निंग वाक कर सकते हैं। बच्चे खेलने को तरस जा रहे है। उदाहरण शिवा कालोनी का पार्क है। यह सिर्फ नाम का है। बदहाल और जीर्ण-शीर्ण स्थिति में है। यहां कूड़ा-कचरा फेंका जा रहा है। 6 हजार आबादी वाले इस मोहल्ले को एक अदद सुजज्जित पार्क आज तक मुहैया नहीं हो सका है। हालांकि इसके जीर्णोद्धार के लिए बजट स्वीकृत हो चुका है। 1977 में मिला था पार्क
गोरखपुर के पुराने आर्कीटेक्ट एचएल हींगोरानी ने 1977 में शिवा कालोनी में पार्क का नक्शा बनाया था। 1992-93 में रोटरी क्लब ने बाउंड्री कराई थी। बाद में उपेक्षा व नपा की ढिलाई से पार्क विकसित नहीं हो सका।
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नपा ने पार्क की ओर ध्यान कभी नहीं दिया। इससे अस्तित्व मिटता गया। पार्क जल्द दुरुस्त हो। मोहल्ले के लोग हरा-भरा बनाएंगे।
राघवेंद्र कुमार नायक
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पूर्व जिलाधिकारी रहे अर¨वद कुमार ¨सह ने पार्क के लिए पहल की थी। सफाई हुई। बाद में फिर वैसा ही हो गया। पार्क जल्द विकसित हो।
आशुतोष मिश्र
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पार्क की बदहाली देख उसमें घुसने की हिम्मत नहीं होती। सड़क पर ही खेलकूद लेते हैं। पार्क में बेहतर सुविधाएं, झूले लगाए जाएं।
सौम्या
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पार्क की भूमि चिह्नित होने के बाद आज तक कोई व्यवस्था नहीं हुई। पार्क में टहलने का मन भी करें तो नहीं जा सकते, गंदगी बहुत है।
¨बदू
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पार्क को विकसित किए जाने की योजना बनी है। पार्क के जीर्णोद्धार पर 23 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। नए सिरे से पार्क बनेगा।
डा. मणिभूषण तिवारी, ईओ