खुले में हकीकत , कागजों में ओडीएफ
महज कागज में चल रहा गांव को ओडीएफ बनाने का खेल
बस्ती: शासन की ओर से जिले को 30 नवंबर तक ओडीएफ घोषित करने के निर्देश के बाद जिला प्रशासन येन केन प्रकारेण इसे हकीकत का रूप देने में जुटा है। गांव के गरीब परिवारों पर दबाव बनाकर गांवों को ओडीएफ करने का खेल चल रहा है। कागज में एक के बाद एक कुल 3055 गांवों को अब तक ओडीएफ घोषित किया जा चुका है, अब महज 30 गांव और बचे हैं जिनको ओडीएफ कर जिले को खुले में शौचमुक्त घोषित किया जाना है।
जिले में कुल 3085 गांव को खुले में शौचमुक्त ओडीएफ करना है। शुरू में कछुए की चाल चलने वाली सरकारी मशीनरी अब खरगोश की चाल चलने लगी है, मगर इसके बाद भी लक्ष्य पूरा करने में उसे पसीने आ रहे हैं। जिला प्रशासन की ओर से बीडीओ, एडीओ, ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी और प्रधानों पर गांवों को ओडीएफ करने का इस कदर दबाव बनाया गया कि उन्हे मजबूरन फर्जी रिपोर्टिंग का सहारा लेना पड़ रहा है। बड़ी संख्या में ऐसे गांव हैं जिनमें अभी भी तमाम लोगों के पास शौचालय नहीं हैं।
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यहां निकल रहा सरकारी दावों का दम
बानगी के तौर पर प्रदेश की दूसरी बड़ी ग्राम पंचायत गनेशपुर को लें तो पाएंगे कि अभी भी 35 से 40 फीसद लोगों के घरों में शौचालय नहीं है। सप्ताह भर पूर्व गांव में शौचालय बनवाने पर जोर दिया गया। हालत यह है कि ग्राम पंचायत के डेरवा, शेखपुरा, बड़ेवन, चुआड़े, धोबहिया, सियरहवा, भटोलवा, सर्रैया, करौंजी, झलहा, मरसठवा, भोगईपुरवा सहित अन्य गांवो में तमाम लोगों के पास शौचालय नहीं है। अब इसके लिए गड्ढे खोदवाए जा रहे हैं। बस्ती सदर ब्लाक के श्रीपालपुर ग्राम पंचायत के कटहापुर और घरसोहिया में कई शौचालयों के गड्ढे खोदकर छोड़ दिए गए हैं, जबकि विक्रमजोत विकास खंड के हरेवा गांव, माझिलगांव में कई लोगों के शौचालय निर्माण की प्रक्रिया अब जाकर शुरू हुई है। वहीं बनकटी विकास खंड के ठाकुरपारा गांव के 50 घरों में से 20 में ही शौचालय बना है। अन्य लोगों का शौचालय बनवाने का काम अब शुरू कराया गया है। यही हाल सल्टौआ गोपालपुर विकास खंड के ग्राम पंचायत अजगैवा जंगल का है। बड़ी संख्या में लोगों के शौचालय अधूरे हैं। इसी प्रकार हर्रैया ब्लाक के रामगढ़ गांव में भी कई लोगों के घर के बाहर शौचालय का गड्ढा खोदकर छोड़ दिया गया है। यह तो महज बानगी है, यही हाल पूरे जिले का है।
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जिले को ओडीएफ घोषित करने के लिए 30 नवंबर तक का समय दिया गया है। लक्ष्य के सापेक्ष जो प्रगति है वह काफी उत्साहजनक है। अब 30 गांवों को ओडीएफ करना बाकी है। इसके बाद गांवों में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम कर लोगों को शौचालयों के प्रयोग के लिए जागरूक किया जाएगा।
अर¨वद कुमार पांडेय, मुख्य विकास अधिकारी, बस्ती।