बिना टेंडर भुगतान, आडिट में खुली पोल
स्वास्थ्य विभाग में अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत से हुई गड़बड़ी की परते अब धीरे-धीरे खुल रही हैं। विभाग में बिना ई-टेंड¨रग के ही लाखों का भुगतान करा लिया गया है। अब यह भुगतान अधिकारियों के गले की हड्डी बन गया है। इस बार 14 लाख 70 हजार रुपये बिना बिल-बाउचर के कराए गए भुगतान की पोल पीएफएएमएस पोर्टल से खुली
बस्ती : स्वास्थ्य विभाग में अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत से हुई गड़बड़ी की परते अब धीरे-धीरे खुल रही हैं। विभाग में बिना ई-टेंड¨रग के ही लाखों का भुगतान करा लिया गया है। अब यह भुगतान अधिकारियों के गले की हड्डी बन गया है। इस बार 14 लाख 70 हजार रुपये बिना बिल-बाउचर के कराए गए भुगतान की पोल पीएफएएमएस पोर्टल से खुली है। विभाग में खलबली मच गई है।
नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के तहत सरकार अस्पतालों में रोगी कल्याण के लिए बजट मुहैया कराती है। वित्तीय वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) विक्रमजोत में योजना में उपलब्ध बजट में हेरफेर करने की नीयत से बिना ई-टेंडर, बिना बिल-बाउचर, सपोर्टिंग पेपर व सर्वे किए ही 14 लाख 70 हजार रुपये का अनियमित भुगतान कर लिया गया। यह खेल यहां के जिम्मेदारों ने मिलकर किए। पोर्टल के माध्यम से हुए पर्दाफाश के बाद अधिकारियों की बेचैनी बढ़ गई है। इस मामले से जिलाधिकारी को भी अवगत कराया गया है।
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विक्रमजोत में वित्तीय अनियमितता सामने आने के बाद वहां के अधीक्षक को हटाकर भानपुर भेजा गया है। जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर दी गई है। रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी। बिना टेंडर के भुगतान कैसे हुआ इसकी जांच की जा रही है। दोषी बख्शे नहीं जाएंगे।
डा. जेएलएम कुशवाहा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी