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बजट न मैदान, तैयार कर रहे खिलाड़ी

40 फीसद विद्यालयों के पास नहीं हैं खेल मैदान

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Dec 2018 09:44 PM (IST)Updated: Wed, 12 Dec 2018 09:44 PM (IST)
बजट न मैदान, तैयार कर रहे खिलाड़ी
बजट न मैदान, तैयार कर रहे खिलाड़ी

बस्ती: परिषदीय विद्यालयों में शारीरिक शिक्षक व खेल संसाधनों की कमी से बच्चों की प्रतिभा निखरने से पहले ही दम तोड़ रही है । विद्यालयों में पढ़ाई के साथ खेल में रुचि रखने वाले बच्चों को खेलों व उनके नियमों की जानकारी नहीं मिल पा रही है। बच्चों को खेल की जानकारी देने के लिए अधिकांश स्कूलों में न तो शिक्षक हैं और न ही संसाधन। जो शारीरिक शिक्षक हैं भी वे संसाधनों के अभाव में औपचारिकता ही पूरी कर रहे हैं। शिक्षकों की मानें तो खेल उपकरणों की खरीद के लिए बजट आता ही नहीं है। पहले फीस से खेलकूद के सामान खरीदे जाते थे जब से निश्शुल्क शिक्षा हुई तभी से खेल के सामानों का अभाव शुरू हो गया। पूरे जिले में खेल शिक्षक, शारीरिक शिक्षक व व्यायाम शिक्षकों की संख्या मात्र 322 है। जबकि विद्यालयों की संख्या 2386 है। संसाधन के अभाव में यह शिक्षक कुछ नहीं कर पा रहे हैं। बच्चों को पीटी और कसरत करा कर औपचारिकता पूरी कर ले रहे हैं। इन शिक्षकों की मानें तो खेल सामानों की खरीद के लिए विद्यालय में शासन से कोई बजट नहीं मिलता है। सरकार ने फीस तो माफ कर दी लेकिन खेल के सामानों की खरीदारी के लिए बजट नहीं दिया। न्याय पंचायत से जिले व प्रदेश स्तर तक की प्रतियोगिता में बच्चों को ले जाने और लाने का खर्च अध्यापकों को खुद वहन करना पड़ता है। खेल आयोजनों के लिए सहयोग राशि भी देनी पड़ती है । इतना ही नहीं 40 फीसद विद्यालयों में खेल का मैदान ही नहीं है। खेल शिक्षकों के न होने से बच्चों को खो - खो, कबड्डी, वालीबाल, कुश्ती, गोला क्षेपण, चक्र क्षेपण जैसे खेलों के नियम व बारीकियों की जानकारी नहीं मिल पाती है। बच्चे गंवई खेल तक ही सीमित रह जाते हैं। जब प्राथमिक स्तर पर ही बच्चों की खेल प्रतिभा नहीं निखर पा रही है तो राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी कैसे तैयार हो सकेंगे।

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खो - खो, कबड्डी, उंची कूद, लम्बी कूद व दौड़ जैसे खेल परिषदीय विद्यालयों में कराए जाते हैं। विद्यालयों को शासन से खेल कूद संसाधन के लिए अलग से कोई बजट नहीं मिलता है। स्थानीय स्तर पर ही इसके लिए व्यवस्था बनाई जाती है।

अरूण कुमार, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी

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जिले में कुल परिषदीय विद्यालय--- 2386

प्राथमिक विद्यालय ----- 1747

उच्च प्राथमिक विद्यालय 639

जिले में कुल खेल शिक्षक 161

जिले में कुल व्यायाम शिक्षक 16

जिले में कुल शारीरिक शिक्षक 145


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