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सिर्फ दो चिकित्सकों के जिम्मे सीएचसी

लोगों की उम्मीदों पर ग्रामीण क्षेत्र के सरकारी अस्पताल भी खरे नहीं उतर पा रहे। बुखार और दस्त तक के मरीज इलाज को गांव से शहर आ रहे हैं। यह हाल है बस्ती के सामुदायिक (सीएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का। सीएचसी और पीएचसी पर स्वीकृत पद से आधे भी चिकित्सक नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 Jun 2018 11:05 PM (IST)Updated: Sun, 24 Jun 2018 11:05 PM (IST)
सिर्फ दो चिकित्सकों के जिम्मे सीएचसी
सिर्फ दो चिकित्सकों के जिम्मे सीएचसी

बस्ती : लोगों की उम्मीदों पर ग्रामीण क्षेत्र के सरकारी अस्पताल भी खरे नहीं उतर पा रहे। बुखार और दस्त तक के मरीज इलाज को गांव से शहर आ रहे हैं। यह हाल है बस्ती के सामुदायिक (सीएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का। सीएचसी और पीएचसी पर स्वीकृत पद से आधे भी चिकित्सक नहीं है। जैसे तैसे ग्रामीण इलाके की चिकित्सकीय व्यवस्था चल रही है।

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स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ ¨सह भले ही ग्रामीण स्तर पर बेहतर चिकित्सा सेवा का दावा कर रहे हों पर हकीकत यहां उलट है। ग्रामीण चाह कर भी बेहतर इलाज की सुविधा नहीं पा रहे। ग्रामीणों को मुख्यालय या फिर प्राइवेट अस्पताल का सहारा लेना पड़ता है। सामुदायिक हो या प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र। 9 चिकित्सकों की जरूरत है, इसमें फिजीशियन, सर्जन, डेंटल सर्जन, एक्स-रे तकनीशियन, बेहोशी, बाल रोग विशेषज्ञ, अधीक्षक एक-एक पद। दो इमरजेंसी मेडिकल अफसर (ईएमओ) के पद स्वीकृत हैं। तैनाती पर नजर डालेंगे तो पाएंगे कहीं एक,तो कहीं दो या तीन विशेषज्ञ हैं। डिलेवरी केंद्र पर 9 पद सृजित किए गए हैं। चूंकि यहां सीएचसी और पीएचसी पर महिलाओं का प्रसव भी होता है,इसलिए सभी चिकित्सकों की जरूरत पड़ सकती है। जिले में 11 सीएचसी व 4 पीएचसी हैं। विभाग ने पीएचसी को भी सीएचसी में बदलने का प्रस्ताव कर दिया है। 34 न्यू पीएचसी हैं, यहां भी चिकित्सकों का अभाव है।

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यह रही चिकित्सकों की तैनाती

विक्रमजोत, परशुरामपुर, मरवटिया, कुदरहा, मुंडेरवा, भानपुर में तीन-तीन, दुबौलिया, कप्तानगंज, बहादुरपुर, बनकटी, साऊंघाट में दो-दो चिकित्सक, हर्रैया व रुधौली में चार-चार चिकित्सकों की तैनाती है। मानक में यहां 9-9 चिकित्सकों की तैनाती होनी चाहिए।

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बेहतर इलाज को 165 चिकित्सकों की जरूरत

चिकित्सा सेवा को पटरी पर लाने के लिए ग्रामीण अस्पतालों में 165 चिकित्सकों की जरूरत है जबकि यहां महज 69 चिकित्सक ही तैनात हैं। जो हैं उनमें से भी कई लंबे अवकाश पर हैं।

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चिकित्सा सेवा को पटरी पर लाने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। ब्लाक स्तरीय अस्पतालों पर चिकित्सक हैं,दवा भी है पर पद के सापेक्ष तैनाती नही की जा सकती। वजह यहां पर्याप्त चिकित्सक ही नहीं है। चिकित्सकों के लिए डिमांड भेजी गई है।

डा. जेएलएम कुशवाहा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी


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