नहीं आई नौकरी की बारी बढ़ रही बेरोजगारी
सेवायोजन विभाग में पंजीकृत शिक्षित बेरोजगारों की बढ़ रही संख्या
संदीप यादव, बस्ती : जनपद में शिक्षित बेरोजगारों की संख्या में हर साल इजाफा हो रहा है। पढ़ाई के बाद नौकरी की पारी शुरू नहीं हो पा रही है। सेवायोजन विभाग के आंकड़े बता रहे कि औसतन पांच हजार शिक्षित युवा हर साल नौकरी के लिए तैयार होते हैं। इस हिसाब से इन्हें कमाऊ पूत बनने का अवसर नहीं मिल पा रहा है। विभाग तीन साल में महज 23 फीसद लोगों को ही नौकरी दिला सका है। बाकी बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं।
2020 में 5455 शिक्षित बेरोजगारों का विभाग में पंजीकरण हुआ। इन्हें सरकारी, गैर सरकारी नौकरियों की शिद्दत से तलाश हैं। इसमें कुछ ऐसे भी हैं जिनकी सरकारी नौकरी के लिए निर्धारित आयु सीमा खत्म होने वाली है या खत्म हो चुकी है। विभाग के लंबे प्रयास के बाद इस साल महज 410 लोगों को ही नौकरी दिला पाया। वह भी निजी कंपनियों में। 2019 में 3457 शिक्षित युवाओं का पंजीकरण हुआ था। इसके सापेक्ष 1365 लोगों को नौकरी दिलाई गई। बाकी 2092 युवाओं को बेरोजगार छोड़ दिया गया। वहीं 2018 में 5208 शिक्षित युवाओं का पंजीकरण हुआ। नौकरी महज 910 लोगों को मिली। इस तरह तीन साल में महज 23 फीसद लोगों को ही विभाग नौकरी दिला सका है। 77 फीसद शिक्षित युवा बेरोजगारी दूर करने के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं। यह पंजीयन की स्थिति
वर्तमान में 37 हजार 519 शिक्षित बेरोजगार विभाग में पंजीकृत हैं। इसमें 32 हजार 64 पुराने लोग शामिल हैं। 2020 में 568 ने अपना नवीनीकरण कराया है। स्पष्ट हैं कि इन युवाओं के समक्ष रोजगार का संकट बरकरार है। एक साल में 800 महिला बेरोजगार
रोजगार कार्यालय में वर्ष 2020 में पंजीयन कराने वालों में 801 शिक्षित महिला हैं। रोजगार की आस में यह भी अपनी बारी आने का इंतजार कर रही है। कोरोना के चलते पिछले साल चार महीने तक रोजगार मेला का आयोजन नहीं हुआ। इस वजह से बेरोजगारों की संख्या बढ़ी है। विभिन्न कंपनियों से संपर्क कर युवाओं को नौकरी का अवसर दिलाया जा रहा है।
टीडी वर्मा, सहायक निदेशक सेवा योजन, बस्ती मंडल