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मुंडेरवा कस्बा बना केन यार्ड, व्यापारियों में आक्रोश

मुंडेरवा कस्बा इन दिनों केन यार्ड बन गया है। चीनी मिल के कुप्रबंधन के चलते गन्ना लदी गाड़ियां कस्बे में खड़ी हो रही है। लगभग डेढ़ किलोमीटर के क्षेत्र में इन वाहनों की भरमार हो गई है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 16 Jan 2020 11:20 PM (IST)Updated: Thu, 16 Jan 2020 11:20 PM (IST)
मुंडेरवा कस्बा बना केन यार्ड, व्यापारियों में आक्रोश
मुंडेरवा कस्बा बना केन यार्ड, व्यापारियों में आक्रोश

बस्ती: मुंडेरवा कस्बा इन दिनों केन यार्ड बन गया है। चीनी मिल के कुप्रबंधन के चलते गन्ना लदी गाड़ियां कस्बे में खड़ी हो रही है। लगभग डेढ़ किलोमीटर के क्षेत्र में इन वाहनों की भरमार हो गई है। नतीजतन समूचा कस्बा जाम की समस्या से जूझ रहा है। बाजार का कारोबार प्रभावित होने लगा है। इससे स्थानीय व्यापारियों में आक्रोश है।

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चीनी मिल का पेराई सत्र शुभारंभ होने पर कस्बावासी खुशी से उछल पड़े थे। उन्हें उम्मीद थी कि अब कस्बे की चहल-पहल बढ़ जाएगी। व्यवसाय को बढ़ावा मिलेगा। लेकिन मिल प्रशासन की अदूरदर्शिता के चलते समूचा कस्बा दुर्दशा का केंद्र बन गया है। मिल परिसर में केन यार्ड न बनने से गन्ने से लदे वाहन कस्बे की सड़कों पर ही खड़े हो रहे हैं। जगदीशपुर, मुंडे़रवा, बरडाड़ और किठिउरी बाजार गन्ना लदे वाहनों से भरा हुआ है। दस दिनों से कस्बे में जाम लग रहा है। ग्राहक इन दुकानों पर आने से परहेज कर रहे हैं। जिससे छोटे व्यापारियों की आमदनी प्रभावित हो गई है। लोगों का कहना है कि कच्चे केन यार्ड की वजह से कस्बे की दुर्दशा बढ़ गई है।

कारोबारी प्रेमचंद गुप्त, बंटी कसौधन, नागेश्वर, सुभाष जायसवाल, राजन जायसवाल, राजेश गुप्त, मेवालाल कसौधन, संतोष, बिहारीलाल आदि मिल महाप्रबंधक बृजेंद्र द्विवेदी से मिलकर उन्हें समस्या से अवगत कराया है। चेतावनी दी गई कि यदि समाधान नहीं हुआ तो जल्द ही कस्बे के व्यापारी आंदोलन करने को बाध्य होंगे।


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