मानकों को ताक पर रख बनाए गए हैं अंत्येष्टि स्थल
जगह-जगह टूटकर धंस गई इंटरलाकिगअंत्येष्टि स्थल की सूरत बिगड़ी
जागरण संवाददाता, बस्ती : जिले में एक ढूंढो कई अंत्येष्टि स्थल बदहाल और जर्जर मिल जाएंगे। प्रशासन समय से नहीं चेता तो गाजियाबाद जैसी घटना यहां भी हो सकती है।
बस्ती में दो साल पहले नगर पालिका की ओर से बस्ती गनेशपुर मार्ग पर कुआनो नदी के पुराने शमशान घाट के पास ही नया अंत्येष्टि स्थल का निर्माण कराया गया था। आज तक इस अंत्येष्टि स्थल पर एक भी शवदाह नहीं हुआ, मगर अंत्येष्टि स्थल की सूरत बिगड़ गई। यहां की इंटरलाकिग रोड कई जगहों पर टूटकर धंस गई है। शवदाह के लिए आने वाले लोगों की सुविधा के लिए तीन इंडिया मार्क टू हैंडपंप लगाए गए थे। इनमें किसी से अब तक पानी नहीं निकला। एक का तो हैंडल सहित ऊपरी हिस्सा गायब हो चुका है। इतना ही नहीं शौचालय और यूरिनल में फाटक ही नहीं लग सका है। गंदगी से पटे शौचालय की दीवारों में लगे टाइल्स भी टूट चुके हैं। 1.35 करोड़ की लागत वाले इस अंत्येष्टि स्थल के बदहाली की कोई सुधि लेने वाला नहीं है। वहीं इसके ठीक बगल स्थित पुराना सीमेंटेड व टीन शेड वाला यात्री छाजन बरसात में ही ढह गया था। इसका मलबा अब तक नहीं हटाया जा सका। मूड़घाट निवासी अविनाश और राहुल ने कहा कि इसे सही कर चालू कराने की मांग की है। अधिशासी अधिकारी नगर पालिका अखिलेश कुमार त्रिपाठी ने बताया कि वह खुद अंत्येष्टि स्थल का निरीक्षण कर वहां की खामियों को ठीक कराएंगे। लापरवाही की भेंट चढ़ गया शिवाघाट का अंत्येष्टि स्थल भानपुर, बस्ती; सल्टौआ गोपालपुर विकास खड के ग्राम पंचायत अमरौली शुमाली द्वारा वित्तीय वर्ष 2014-15 में 14.5 लाख रुपये की लागत से कुआनो नदी के शिवाघाट पर अंत्येष्टि स्थल का निर्माण कराया गया था। जिम्मेदारों की लापरवाहियों के चलते अंत्येष्टि स्थल के निर्माण का औचित्य पूरा नहीं हो सका। सोनहा-शिवाघाट मार्ग पर स्थित इस अंत्येष्टि स्थल पर गौर विकास खंड के भी लगभग दो दर्जन गांवों के लोगों द्वारा शवों का अंतिम संस्कार किया जाता है। सीढि़यों के क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण अंत्येष्टि स्थल तक पहुंचना मुश्किल हो गया है। नींव में दरार पड़ गई है। फर्श क्षतिग्रस्त हो गया है। शौचालय में न तो दरवाजा लगा है, न ही पानी की व्यवस्था है। बरसात में अंतिम संस्कार में सहूलियत के लिए ही इसका निर्माण कराया गया था। लेकिन नदी तट के नजदीक निर्माण हो जाने के कारण बारिश के मौसम में चारों तरफ पानी भर जाता है। यहां तक कि अंत्येष्टि स्थल भी बाढ़ के पानी मे डूब जाता है। पांच साल में ही ढहने की कगार पर अंत्येष्टि स्थल
रखौना, बस्ती: अंत्येष्टि स्थलों के निर्माण में गुणवत्ता की धज्जियां किस कदर उड़ाई गई है, इसे देखना हो तो कुदरहा ब्लाक के लालगंज में कुआनो नदी के किनारे बनवाए गए अंत्येष्टि स्थल पर आइए। यहां वित्तीय 2015-16 वर्ष में करीब 13 लाख की लागत से अंत्येष्टि स्थल का निर्माण ग्राम पंचायत द्वारा कराया गया था, ताकि बरसात के दिनों में लोग शव का अंतिम संस्कार आसानी से कर सके। जिम्मेदारों ने गुणवत्ता की ऐसी धज्जियां उड़ाई कि एक पंचवर्षीय भी नहीं बीता दीवारों में दरारे पड़ गईं। लोगों के बैठने के लिए बनवाए गए भवन की छत से पानी टपक रहा है। अब तो लोगों को उसमें बैठने पर डर लगता है। कहीं आंधी पानी में यह ढह न जाए, इसलिए अब अंतिम संस्कार अंत्येष्टि स्थल में करने के बजाए लोग दूर हट कर करते है। ग्रामीण क्षेत्रों में बनवाए गए अंत्येष्टि स्थल
2014-15......13
2015-16......14
2016-17..... 42
2018-19...... 06
2019-20...... 07 ग्राम पंचायतों में बनवाए गए अंत्येष्टि स्थलों की जांच करवाई जाएगी। जहां भी मानक के अनुसार निर्माण कार्य नहीं कराया गया है वहां के सचिवों की जवाबदेही तय करते हुए कार्रवाई की जाएगी।
विनय कुमार सिंह, डीपीआरओ