आंखों के सामने ही राख हो गया लाखों का कारोबार
मुसीबत कब किस बहाने सुरसा की तरह मुंह बाए खड़ी हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता। रोज की तरह रविवार को भी हाइवे पर मंडी में सब्जी का कारोबार हिलोरे लेकर अभी शांत हुआ था। थोक कारोबारी हिसाब करने में जुटे रहे। दोपहर में सब्जी की थोक दुकानों के पीछे हाइवे की तरफ निíमत मंडी की चहारदीवारी के पास अचानक आग लग गई। किसी को एहसास नहीं हुआ कि पल भर में यह आग परिसर का मंजर ही बदल कर रख देगी। आग की लपटें दुकानों में पीछे की तरफ से घुसी तो सबकुछ स्वाहा करने को आमादा हो गई। आलू, मटर, प्याज, गोभी आदि सब्जियों से भरी बोरियों की छल्लियां सुलगने लगी। दुकानों में रखे प्लास्टिक के कैरेट, लकड़ी के झाबे आग को भयावह रूप दे दिए। व्यापारियों के आंखों के सामने ही थोक का यह कारोबार जलकर खाक हो गया। कुछ भी नहीं सूझा। बस शोर शराबा, दौड़ भाग ही होता रहा।
बस्ती : मुसीबत कब किस बहाने सुरसा की तरह मुंह बाए खड़ी हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता। रोज की तरह रविवार को भी हाइवे पर मंडी में सब्जी का कारोबार हिलोरे लेकर अभी शांत हुआ था। थोक कारोबारी हिसाब करने में जुटे रहे। दोपहर में सब्जी की थोक दुकानों के पीछे हाइवे की तरफ निíमत मंडी की चहारदीवारी के पास अचानक आग लग गई। किसी को एहसास नहीं हुआ कि पल भर में यह आग परिसर का मंजर ही बदल कर रख देगी।
आग की लपटें दुकानों में पीछे की तरफ से घुसी तो सबकुछ स्वाहा करने को आमादा हो गई। आलू, मटर, प्याज, गोभी आदि सब्जियों से भरी बोरियों की छल्लियां सुलगने लगी। दुकानों में रखे प्लास्टिक के कैरेट, लकड़ी के झाबे आग को भयावह रूप दे दिए। व्यापारियों के आंखों के सामने ही थोक का यह कारोबार जलकर खाक हो गया। कुछ भी नहीं सूझा। बस शोर शराबा, दौड़ भाग ही होता रहा। गनीमत यह हुआ कि मंडी की चहारदीवारी से सटे हाइवे के किनारे स्थित पेट्रोल पंप पर आग की ¨चगारी नहीं पहुंची। वरना मंजर और भयावह होता। आसपास के अन्य व्यापारी और मजदूरों ने अलबत्ता समझदारी दिखाई। धुएं के गुबार के बीच जाकर आग के बुझाने के हर प्रयास हुए। ठंड मौसम में चल रही तेज हवा आग को और बेकाबू बनाती चली गई। लाख कोशिशों के बाद भी सब्जी की 11 दुकानें अग्निकांड में जलकर खाक हो गईं। गल्लों में रखे नकदी तक जल गए। कुछ ही देर बाद व्यापारियों की पूंजी राख के मलबे में तब्दील हो गई। नहीं बची कारोबार के लिए पूंजी
रमेश सोना एंड कंपनी के मालिक शाह मोहम्मद की दुकान जलकर पूरी तरह नष्ट हो गई। दैनिक जागरण से बताया कि वह एक दूसरे दुकान पर जाकर हिसाब कर रहे थे। तभी आग लपटों के बीच शोर सुनाई दिया। दुकान से कोई सामान नहीं हटा पाए। लाखों की क्षति हो गई। अब कारोबार के लिए पूंजी तक नहीं हैं।
हिसाब किताब का अभिलेख भी जला
पीर मोहम्मद ने कहा कि दुकान तो जलकर खत्म हुई ही, बही खाता और गल्ला भी जल गया। अधिकांश फुटकर व्यापारी उधार में माल ले जाते हैं। अब हमारे पास बकाया का कोई लेखा जोखा नहीं है। जिससे रिकवरी हो पाए। हाजी रज्ज्ब अली ने कहा कि आग अचानक लगी है। यदि समय से दमकल आ
गया होता तो काफी कुछ बच जाता। लेकिन दमकल पहुंचने में देर हो गई। मंडी के लोग यदि मेहनत न किए होते तो और दुकानें भी चपेट में आ जाती।
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थानाध्यक्ष और सीओ से भिड़ गई भीड़
आगजनी की घटना की खबर पर थानाध्यक्ष सर्वेश राय पहुंचते ही भीड़ के बीच आ गए। तब तक दमकल नहीं पहुंचा था। गुस्साएं लोग थानाध्यक्ष से भिड़ गए। इसी बीच सीओ सिटी आलोक ¨सह भी पहुंचे। उन्हें भी आक्रोश का सामना करना पड़ा। हालांकि बाद में मामला शांत हुआ। थानाध्यक्ष एवं पुलिस कर्मियों ने राहत कार्य का कमान खुद संभाले।
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दमकल लेकर पहुंचे फल व्यवसायी
मंडी के फल व्यवसायी विनोद कुमार सोनकर ने बताया कि उन्हें आगजनी की सूचना जब मिली तो वह दक्षिण दरवाजे पर थे। तत्काल फायर स्टेशन पहुंचकर दमकल के साथ मंडी की ओर बढ़ चले। मंडी पहुंचने पर भीड़ ने जमकर विरोध किया। विनोद और उनके साथी व्यवसायियों ने किसी तरह लोगों समझा बुझाकर दमकल को घटना स्थल तक पहुंचाया। तब राहत कार्य शुरू हो पाया।
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घटना के समय शहर में लगा था जाम
जब मंडी में आग कहर बनकर टूट पड़ी थी तब शहर में जाम लगा हुआ था। दरअसल सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा होने के नाते शहर में भीड़ बढ़ गई थी। फायर स्टेशन से दो दमकल सूचना के बाद रवाना हुए। लेकिन रोडवेज, पचपेड़िया और रौता पर लगे जाम के कारण यह दमकल फंसे रह गए। घटनास्थल तक पहुंचने इन्हें देर हो गई।