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बजट से स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होने की उम्मीद

राज्य सरकार के जारी होने वाले बजट से स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर होने की आस

By JagranEdited By: Published: Thu, 18 Feb 2021 11:40 PM (IST)Updated: Thu, 18 Feb 2021 11:40 PM (IST)
बजट से स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होने की उम्मीद
बजट से स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होने की उम्मीद

जागरण संवाददाता, बस्ती : जनपद में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं वेंटीलेटर पर हैं। अस्पतालों में एक तो पर्याप्त चिकित्सक नहीं हैं दूसरे चिकित्सा उपकरणों की कमी भी बेहतर स्वास्थ्य सेवा में बाधक है। यह हाल जिला अस्पताल, महिला अस्पताल, जिला क्षय रोग अस्पताल से लेकर कमोवेश ग्रामीण स्तर के सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का भी है। सरकारी अस्पतालों में दवाओं का टोटा है। राज्य सरकार के जारी होने वाले बजट में अस्पतालों की बेहतरी को लेकर आमजन की उम्मीदें बढ़ गई हैं। पेश है आम नागरिकों व विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया..।

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ऐसा है जिले की स्वास्थ्य सेवाओं का हाल :

जिला अस्पताल, महिला अस्पताल, जिला क्षय रोग अस्पताल समेत 14 सीएचसी-पीएचसी संचालित हैं। सीएचसी-पीएचसी पर करीब 165 चिकित्सकों के सापेक्ष 111 की तैनाती है। ग्रामीण अस्पतालों में सर्जन न होने से सीजर नहीं हो पाते हैं। वहीं महिला अस्पताल में 22 चिकित्सकों में से 17 तैनात हैं। रेडियोलाजिस्ट न होने से अल्ट्रासाउंड कार्य बंद है। जिला अस्पताल में 47 पद स्वीकृत है। यहां 25 तैनात हैं। ट्रामा सेंटर में नौ पद के सापेक्ष नौ की तैनाती है। आग से बचाव को निर्माणाधीन अग्निशमन यंत्र का कार्य अधूरा है। रेडियोलाजिस्ट न होने से अल्ट्रासाउंड कार्य ठप है। जिला क्षय रोग अस्पताल में भी चिकित्सकों की काफी कमी है। - सीएचसी में एक्स-रे मशीन नहीं है। जिससे एक्सरे नहीं हो पाता। दवा भी पर्याप्त मात्रा में नहीं रहती है, सरकारी सेवाओं का दावा हवा-हवाई है। बजट में इसका ख्याल रखा जाए।

जामवंत यादव, पिपरपाती मुस्तहकम - बजट में जेनेरिक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के साथ ही चिकित्सकों की संख्या और बढ़ाई जाए। अस्पतालों में दवाओं की कमी रहती है। बजट में उस पर ध्यान दिया जाए, ताकि विश्वास बढ़े। लवकुश पाल, परसांव - अस्पताल में कुत्ता, बिल्ली आदि के काटने पर इंजेक्शन नहीं लग पाते हैं। सर्पदंश के इंजेक्शन भी हीं मिल पाते हैं। एंटी रैबीज की सुविधाएं बढ़ाई जाए। गांव-गांव फागिग कराई जाए। राधेश्याम गौड़, सिसई पंडित - ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर की जाए। अस्पताल में जरूरी दवाएं हमेशा गायब रहती हैं। बजट में कुछ ऐसा हो ताकि अस्पतालों की व्यवस्था सुधरे।

हरिवंश चौधरी, पलान - गांव के अस्पताल नाम के बने हुए हैं। यदि इमरजेंसी में कोई सुई लगवाना हो तो नहीं मिल पाती है। मजबूर होकर लोगों को मुख्यालय जाना पड़ता है, यहां भी सुविधाएं नदारद हैं।

हरिगोविद सिंह, पलान - सरकार से बजट को लेकर काफी अपेक्षाएं हैं कि वह बजट में स्वास्थ्य वर फोकस करें। व्यवस्था में सुधार के लिए बजट का पिटारा खोला जाए। गांव स्तर पर अस्पताल बीमार हैं, कोई कैसे उनसे इलाज की आस करें।

अखिलेश मोदनवाल, दसिया

शासन से लगातार चिकित्सकों की संख्या बढ़ाए जाने के लिए अनुरोध किया जा रहा है। नए कार्यों में हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर समेत अन्य कार्य शामिल हैं। सीएचसी-पीएचसी पर अधिक डाक्टर होने से सुविधाएं बढ़ जाएंगी। कोरोना महामारी से निपटने के लिए जांच और अन्य योजनाओं के रफ्तार के लिए बजट की आस है। अधूरे कार्य पूर्ण करने की कोशिश की जा रही है।

डा. अनूप कुमार, सीएमओ बस्ती


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