लॉकडाउन में टूटी सदियों पुरानी मेले की परंपरा
श्रद्धालुओं ने नदी के बजाय घर पर स्नान कर किया दान
बस्ती: कोरोना संकट का कहर धार्मिक आयोजनों और अनुष्ठान पर भी भारी पड़ने लगा प्रत्येक वर्ष चैत्र पूर्णिमा के अवसर पर कुआनो-मनोरमा स्थित भगवान शिव बाबा मुक्क्षेश्वर नाथ को जलाभिषेक और पूजा अर्चना से शुरू होने वाले पांच दिवसीय मनवर मेले पर इस वर्ष लॉकडाउन भारी पड़ गया।
प्रति वर्ष संगम स्नान कर पूण्य अर्जित करने के लिए भोर से ही संगम तट पर श्रद्धालुओं के आने-जाने का तांता लगा रहता था। इस वर्ष कोरोना महामारी के भय चलते लगे लॉकडाउन के कारण श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान करने से परहेज कर अपने घरों पर ही चैत्र पूर्णिमा स्नान किया।
खखरा अमनाबाद के 80 वर्षीय रामदरश गोस्वामी ने बताया कि जब से होश संभाला है अभी तक ऐसा नहीं हुआ कि पूर्णिमा के अवसर पर श्रद्धालु स्नान न किए हों और स्नान पर्व के दिन यह स्थान सूना दिखाई पड़ा हो। ठोकवा के श्याम जी पाण्डेय कहते है कि लगभग 15 साल की उम्र से हम हर साल संगम में स्नान करने जाते थे लेकिन इस वर्ष लॉकडाउन के चलते हम संगम स्नान से वंचित रह गए। पाकरडॉड़ गांव के पंडा उमाप्रसाद ने कहा लगभग 20 वर्ष की उम्र से ही हम इस पवित्र संगम तट पर गोदान करवाने आते हैं। लेकिन यह पहला मौका है जब कोरोना के चलते यहां से निराश होकर वापस जाना पड़ रहा है ।लेकिन ईश्वर से हमारी प्रार्थना है कि दुनिया को इस महामारी से छुटकारा देकर सबको खुशहाल कर दें।