किसानों पर भारी न पड़ जाए गन्ना सर्वे की खामियां
त्रुटियों को सही कराने के लिए लगा रहे समिति का चक्कर
बस्ती : बभनान चीनी मिल का पेराई सत्र शुरू हो चुका है। बावजूद इसके किसानों के गन्ना सर्वे में हुई त्रुटियों को अभी तक विभाग सुधार नहीं पाया है। इस बार व्यवस्था बदलने से जहां गन्ना सर्वेक्षण में देरी हुई वहीं कई किसानों का सट्टा गड़बड़ा गया है। जिसे सही कराने के लिए समितियों का चक्कर लगा रहे हैं। त्रुटियों में सुधार की निश्चित तिथि, पर्ची वितरण व्यवस्था सहित किसी भी ¨बदु पर स्पष्ट निर्देश न होने के चलते किसान ऊहापोह की स्थिति में हैं। उन्हें वर्तमान पेराई सत्र मुश्किल भरा लग रहा है।
वर्ष 1990 के बाद गन्ना किसानों की पर्ची जारी करने की जिम्मेदारी चीनी मिलों के पास थी जिसे अब सहकारी गन्ना समितियों को दे दिया गया है। पर्याप्त संसाधन न होने के चलते गन्ना सर्वेक्षण कार्य में लगभग दो महीने की देरी हुई फिलहाल गन्ना समितियों ने किसी तरह से सिर्फ पौध गन्ने का ही सर्वेक्षण किया। बाद में खतौनी पिछले वर्ष का कलेंडर आदि प्रपत्रों के साथ घोषणा पत्र भरने पर किसी तरह से पेड़ी की फी¨डग हो पाई। इन हालातों को देखते हुए गन्ना विभाग में किसानों को गन्ना तौल के लिए जारी की जाने वाली पर्चियों को जारी करने का ठेका एक प्राइवेट एजेंसी को दे दिया गया है जिसको लखनऊ से संचालित किया जा रहा है। किसानों का कहना है कि इस एजेंसी में भी फी¨डग के दौरान काफी गड़बड़ियां हुईं। जिससें कई किसानों के सट्टे अधूरे रह गए। समिति पर आए किसान साहनगर निवासी रामचंद्र का कहना है कि उन्होंने अभी तक घोषणा पत्र नहीं भरा है प्रपत्रों के साथ समिति का चक्कर लगाना पड़ रहा है। इसी गांव के रामउजागिर का कहना है कि जो प्लाट पिछले वर्ष अर्ली पौध में फीड था वह इस बार रिजेक्ट में फीड हो गया है। मिश्रौलिया गांव निवासी वेदप्रकाश मिश्र ने बताया कि उनके आठ बीघा पौध गन्ने का सर्वे ही नही हुआ। किसानों का कहना है कि दोबारा प्रपत्र जमा किए लेकिन अभी इसकी कोई सुनवाई नहीं हुई है। गन्ना समिति बभनान के सचिव मोतीराम का कहना है कि सर्वे में जो भी गड़बड़ियां है उन्हें सही करा दिया जाएगा। गौर के सचिव राम पुकार ¨सह का कहना है कि सुधार के लिए दो दिन पहले समिति कर्मी गोरखपुर गए थे पर्ची ¨प्रट होने के चलते सर्वे में सुधार संभव नहीं हो पाया है। शीघ्र ही सर्वे की त्रुटियों को सही करा दिया जायेगा।