दौड़ने को आतुर हुई जिदगी,बाजार में बढ़ी चहल-पहल
दैनिक उपयोग की वस्तुओं की दुकानें चौक-चौराहों पर सुबह नौ बजते ही खुल गई। लोग अपने वाहनों से खरीदारी के लिए निकलते हुए देखे गए।
बस्ती : रोडवेज, रेलवे स्टेशन, बाजार, दफ्तर जैसे जगहों पर आवाजाही शुरू हो गई है। बाजार से लेकर दफ्तर तक में कोरोना का खौफ नजर आया। पहली जून से सहूलियत मिली तो जिदगी दौड़ने को फिर आतुर हो गई है।
मंगलवार को सड़क और बाजार में जनजीवन बहाल दिखा। शहर में जगह-जगह लाल, पीले फलों के ठेले सड़कों के किनारे सजा हुआ था। सब्जियों से भरे ठेले भी इधर-उधर घूमते दिखाई पड़े। दैनिक उपयोग की वस्तुओं की दुकानें चौक-चौराहों पर सुबह नौ बजते ही खुल गई। लोग अपने वाहनों से खरीदारी के लिए निकलते हुए देखे गए। अकलमंद लोग मास्क, सैनिटाइजर और शारीरिक दूरी का पालन करते नजर आए। दुकान, चौराहों पर बगैर मास्क के करीब पहुंचने वालों से लोग तत्काल दूरी बना रहे हैं। रोडवेज पर पूरी सावधानी के साथ यात्रा करने के लिए कुछ यात्री पहुंचे। बसों में शारीरिक दूरी बनाते हुए लोग यात्रा के लिए रवाना होते रहे। रेलवे स्टेशन पर भी यहीं हाल रहा। यात्रियों की संख्या कम जरूर थी लेकिन आवागमन बहाल नजर आया।
हुआ कपड़ा का व्यवसाय
गांधीनगर में जिला प्रशासन के रोस्टर के मुताबिक कपड़ा एवं रेडीमेड गारमेंट्स के छोटे-बड़े प्रतिष्ठान खुले रहे। यहां ग्राहक भी खरीदारी करने के लिए पहुंच रहे थे। रेडीमेड कपड़ों के व्यवसायी हीरालाल ने बताया कि गर्मी के सीजन में रोज उपयोग में आने वाले रेडीमेड कपड़े ज्यादा बिक रहे हैं। गर्मी के दृष्टिगत कपड़ों की खेप फरवरी में ही मंगा ली गई थी। लॉकडाउन के नाते दुकान में यह माल अभी तक डंप है। आर्थिक संकट का असर अभी बरकरार रहेगा। फिर उम्मीद में दुकान खोली जा रही है।
वाहनों की दौड़ हुई तेज
सड़कों पर वाहनों की दौड़ भी तेज हो गई है। लोग अपने निजी वाहनों से निकलने लगे हैं। वहीं दिन में आटो रिक्शा भी चल रहे हैं। लेकिन अभी बुकिग पर यात्रियों को गंतव्य पर पहुंचाया जा रहा है। फर्राटे भरते हुए कार और बाइक सभी सड़कों पर दौड़ रही है।