मुख्यमंत्री कन्या सुमंगल योजना पर लेटलतीफी की छाया
अफसरों के पास लंबित जिले की 899 बेटियों के आवेदन एसडीएम स्तर पर 98 डीआइओएस स्तर पर 99 आवेदन लंबित
जागरण संवाददाता, बस्ती : सरकार की मंशा पर अफसर ही पानी फेर रहे हैं। बेटियों को सशक्त बनाने को चलाई जा रही मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना लेटलतीफी की शिकार हो गई है। जिले में अफसरों के पास 341 कन्याओं के आवेदन स्वीकृत होने का इंतजार कर रहे हैं। निचले स्तर पर 558 आवेदन लंबित हैं। इस तरह कुल 899 बेटियां योजना का लाभ पाने के लिए दौड़ लगा रही हैं।
मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना की मंशा गरीब परिवारों की कन्याओं को आर्थिक मदद देकर उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाना है। मगर यहां पर यह योजना लेटलतीफी की छाया से उबर नहीं पाई है। सरकार भले कन्या सुमंगला योजना लागू कर जन्म से लेकर कालेज की पढ़ाई तक लड़कियों के विकास के लिए आर्थिक सहायता देने का प्रयास कर रही हो लेकिन अफसर ही इस योजना को पलीता लगा रहे हैं।
जिले में योजना के तहत 21 जनवरी तक 3155 आनलाइन आवेदन किए गए थे। इनमें से 2256 अग्रसारित हो चुके हैं, मगर लाभ महज 461 कन्याओं को ही अब तक लाभ मिल सका है। कुल 899 आवेदन विभिन्न स्तरों पर लंबित हैं। एसडीएम के स्तर से 98, डीआइओएस के स्तर से 99, बीएसए के स्तर से 51, बीईओ के स्तर से 81, बीडीओ के स्तर से 23 आनलाइन आवेदन अग्रसारित करने के लिए लंबित पड़े हैं। योजना के तहत मिलते हैं कुल 15 हजार रुपये
मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत छह चरण में सरकार आर्थिक मदद दे रही है। सबसे पहले बच्ची के जन्म के समय 2000 रुपये, एक साल का टीकाकरण होने के बाद 1000 रुपये, पहली कक्षा में प्रवेश पर 2000 रुपये दिए जाने हैं। इसके अलावा छठवीं में प्रवेश के बाद 2000 रुपये, नौवीं में प्रवेश के बाद 3000 रुपये, स्नातक या दो साल का कोई डिप्लोमा कोर्स करने पर 5000 रुपये प्रदान किया जाना है। कुल मिलाकर 15 हजार रुपये कन्या के हिस्से में आते हैं। आवेदन लगातार मिल रहे हैं। इनका अग्रसारण विभिन्न स्तरों पर कराया जा रहा है। इसमें तेजी लाने के लिए जिलाधिकारी के स्तर से निर्देश दिए गए हैं। लाभार्थियों को 7.61 लाख रुपये उपलब्ध कराए जा चुके हैं। राकेश कुमार, जिला प्रोबेशन अधिकारी