बालिकाओं की शिक्षा के लिए स्कूलों का अभाव
निजी विद्यालयों की फीस नहीं भर पातीं छात्राएं
बस्ती : स्थानीय क्षेत्र में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का सपना चकनाचूर हो रहा है। आज तक इस क्षेत्र में बालिका शिक्षा के लिए एक भी विद्यालय की स्थापना नहीं हुई। प्राइमरी के बाद जूनियर एवं उच्च शिक्षा की पढ़ाई के लिए लगभग 200 गांवों की बेटियों को सुदूरवर्ती शिक्षण संस्थाओं में जाना पड़ता है। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की बेटियां दूर जाकर पढ़ाई भी नहीं कर पा रही हैं। जिससे उन्हें शिक्षा से वंचित होना पड़ रहा है। माध्यमिक स्तर के शिक्षा के लिए मुकम्मल इंतजाम अभी भी नही हो पाया है। बस्ती से मुंडेरवा के बीच के सैकड़ों गांवों की बालिकाओं को उच्च शिक्षा देने के लिए एक भी संस्थान नहीं हैं। मुंडेरवा एवं आस पास कोई सरकारी बालिका इंटर कालेज या डिग्री कालेज नहीं है। इंटरमीडिएट तक की शिक्षा के लिए बस्ती और तथा संतकबीरनगर जनपद के शिक्षण संस्थाओं में यहां की छात्राओं को दाखिला लेना पड़ रहा है। मुंडेरवा में सिर्फ एक विद्यालय गन्ना विकास इंटर कालेज है। यह मूलत: बालक विद्यालय है। विवशता में अभिभावक बालिकाओं को यहां प्रवेश दिलाते हैं। क्षेत्रीय लोगों के दबाव में इस विद्यालय में सह शिक्षा दी जा रही है। इस विद्यालय में केवल एक महिला अध्यापक हैं। छात्राएं यहां बड़ी संख्या में पढ़ाई करती हैं। स्नातक स्तर की शिक्षा के लिए यहां निजी कालेज तो हैं मगर फीस ज्यादा जिससे कमजोर वर्ग की छात्राएं यहां पढ़ाई नहीं कर पाती हैं। इन दुश्वारियों के चलते कुछ बालिकाएं चाहकर भी स्नातक स्तर की पढ़ाई नहीं कर पाती हैं।