हल्की बारिश नहीं झेल पाया कान्हा गोशाला
ढाई करोड़ से निर्मित कान्हा गोशाला की गुणवत्ता की पोल ढाई माह में ही खुल गई। जाड़े की हल्की बारिश में इस नवीन भवन की आरसीसी छत टपकने लगी। कमरों में पानी भर गया। दीवारों और छतों पर सीलन आ गई। सुबह कर्मचारियों को कमरों से पानी निकालना पड़ा।
बस्ती : ढाई करोड़ से निर्मित कान्हा गोशाला की गुणवत्ता की पोल ढाई माह में ही खुल गई। जाड़े की हल्की बारिश में इस नवीन भवन की आरसीसी छत टपकने लगी। कमरों में पानी भर गया। दीवारों और छतों पर सीलन आ गई। सुबह कर्मचारियों को कमरों से पानी निकालना पड़ा। भवन में रखा पशुओं का भूसा एवं अन्य चारा भी भीग गया। बुधवार को गोशाला का ²श्य देख इसकी गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे। कान्हा गोशाला मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है। बेसहारा पशुओं को यहां संरक्षण मिलना है। जब व्यवस्था में ही दोष है तो भला इस योजना को मूर्त रूप कैसे मिलेगा। 14 जनवरी को नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना इसका लोकार्पण किए थे। पखवारा नहीं बीता भवन की गुणवत्ता की कलई खुल गई। ईओ मणि भूषण तिवारी ने मामले की जांच कराने की बात कही है। नवनिर्मित भवन नगर पालिका को हैंडओवर हो चुका है। कार्यालय और चिकित्सक कक्ष की चाबी अभी नहीं मिली है। यह ठेकेदार के हवाले है। जबकि 19 पशुओं को यहां पहुंचाया जा चुका है।
रूपम मिश्रा अध्यक्ष नगर पालिका ने कहा कि कान्हा हाउस के नवीन भवन की छत टपकने की जानकारी नहीं है। यदि ऐसा है तो गलत है। 24 जनवरी को इस स्थल का निरीक्षण किया जाएगा। गुणवत्ता खराब मिली तो कार्रवाई की जाएगी। कुछ कमरों में ठेकेदार के सामान रखे हैं। जल्द चाबी दिलाई जाएगी।