विधायक ने की सड़क निर्माण की जांच, भुगतान रोकने को कहा
किशोरी बस्ती रेलवे स्टेशन से जुलाई में ट्रेन पकड़ कर मुंबई पहुंच गई थी। मुंबई पहुंचने के बाद वहां जीआरपी मुंबई ने उसे पकड़ कर वहां स्थित बालिका गृह भेज दिया। तब से वह वहीं रह रही थी। इधर किशोरी का पता न चलने से परिवार वाले परेशान थे। बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष प्रेरक मिश्रा ने बताया कि समिति के लगातार प्रयत्नों के बाद मुंबई बाल कल्याण समिति से जानकारी मिली कि किशोरी को वहां के बालिका गृह में रखा गया है।
बस्ती: जनसंवाद कार्यक्रम अभियान के तहत क्षेत्रीय विधायक संजय प्रताप जायसवाल ने मंगलवार को सल्टौआ,जोगिया जूड़ीकुइया,पोखरभिटवां,मझौआ खुर्द, सूरतगढ़ पहुंच कर सरकार की उपलब्धियों का बखान किया। सल्टौआ में ग्रामीणों ने गांव के बीच क्षेत्र पंचायत की ओर से बनवाए जा रहे आरसीसी सड़क का मुद्दा उठाया। बताया कि छह माह से सड़क का कार्य अधूरा है। आने-जाने में बड़ी परेशानी हो रही है। विधायक ने मामले का संज्ञान लेकर सड़क का निरीक्षण किया। क्षेत्र पंचायत सदस्य संजय कुमार से सड़क के बारे में जानकारी ली। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर उन्होंने सीडीओ डा.राजेश प्रजापति से इसकी जांच कराने व भुगतान रोकने के लिए कहा। अवधेश कुमार मिश्र, राहुल शुक्ल, शैलेश गौड़, जमुना पांडेय, विवेक चित्रांश, सुधाकर मोदनवाल, सचिन कसौधन आदि मौजूद रहे।
छूटे लोगों के टीकाकरण के लिए घर-घर जाएगी टीम
एसडीएम भानपुर गिरीश कुमार झा की अगुवाई में मंगलवार को संयुक्त बैठक कर छूटे लोगों का टीकाकरण कराने के लिए रणनीति बनाई गई, जिसमें लेखपाल, ग्राम सचिव, रोजगार सेवक, पंचायत सहायक, आंगनबाड़ी व आशा कार्यकर्ताओं की टीम बनाई गई है। 15 वर्ष आयु वर्ग से अधिक उम्र वाले लोगों का टीकाकरण कराने के लिए घर-घर टीम भेजने का निर्णय लिया। एसडीएम ने कहा कि इस कार्य में ढिलाई बर्दाश्त नहीं होगी। डीडीओ अजीत कुमार श्रीवास्तव, प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. आंनद कुमार मिश्र, बीडीओ राजेंद्र यादव ने सौ फीसद टीकाकरण पर जोर दिया। सीडीपीओ देवेंद्र सिंह आदि रहे।
किशोरी के साथ बस्ती पहुंची मुंबई पुलिस
कलवारी थाना क्षेत्र की रहने वाली 14 वर्षीय किशोरी को अपनी आंखों के सामने देख स्वजन रो पड़े। वह जुलाई 2021 में घर से नाराज होकर मुंबई पहुंच गई थी। मंगलवार को मुंबई पुलिस उसे बस्ती लेकर पहुंची और बाल कल्याण समिति के न्यायालय में प्रस्तुत किया। वहां से उसे आवश्यक कार्यवाही के पश्चात पिता को सुपुर्द कर दिया गया।
किशोरी बस्ती रेलवे स्टेशन से जुलाई में ट्रेन पकड़ कर मुंबई पहुंच गई थी। मुंबई पहुंचने के बाद वहां जीआरपी मुंबई ने उसे पकड़ कर वहां स्थित बालिका गृह भेज दिया। तब से वह वहीं रह रही थी। इधर किशोरी का पता न चलने से परिवार वाले परेशान थे। बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष प्रेरक मिश्रा ने बताया कि समिति के लगातार प्रयत्नों के बाद मुंबई बाल कल्याण समिति से जानकारी मिली कि किशोरी को वहां के बालिका गृह में रखा गया है।
इसके बाद पत्राचार के माध्यम से संपर्क साधकर किशोरी को बस्ती बुलाया गया। बाल कल्याण समिति के न्यायालय में मुंबई पुलिस के प्रस्तुत करने के बाद अध्यक्ष प्रेरक मिश्रा, सदस्य अजय श्रीवास्तव, गोवर्धन गुप्ता, डा. संतोष श्रीवास्तव, मंजू त्रिपाठी की टीम ने किशोरी का मेडिकल, कोविड जांच करवा कर उसे उसके पिता को उसकी सुरक्षा एवं सभी प्रकार की देखभाल की जिम्मेदारी देते हुए सौंप दिया।