राम चरित्र के अनुकरण से संवरेगा मानव का जीवन
राम के चरित्र के अनुकरण से कलियुग में मनुष्य को जीवन संवारने की जरूरत है।
बस्ती: सत्य को जीवन में उतारने व धर्म की रक्षा के लिए प्रभु श्रीराम का अवतार हुआ था। मानव को अपना जीवन संवारने के लिए भगवान राम जीवन चरित्र का अनुकरण करना चाहिए।
यह सद्विचार जगद्गुरु लक्ष्मणाचार्य महाराज ने सोमेश्वर नाथ धाम पांऊ में चल रहे रुद्रमहायज्ञ के दौरान व्यक्त किया। कहा कि राम के राज्याभिषेक की घोषणा होते ही देवलोक में आग लग गई। उधर देवताओं ने माता सरस्वती से कहा कि रावण के आतंक से हम परेशान है। मां सरस्वती ने बताया कि मर्यादा पुरुषोत्तम का अवतार जनकल्याण के लिए हुआ है ।
कथा में मुख्य रुप से नागा बाबा, अभिषेक पाण्डेय, पुनीत शुक्ल, कुलभूषण दूबे, हजारी लाल, हरिशंकर दूबे, गंगा प्रसाद दुबे, कौशल नायक, अरुण दुबे आदि उपस्थित रहे।
क्षेत्र के महुआर चौराहा पर चल रहे सात दिवसीय शतचंडी महायज्ञ एवं मां काली जन जागरण में व्यास मानस मोहिनी ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीला का वर्णन करते हुए कहा कि कृष्ण के पैदा होने के बाद कंस उनको मौत के घाट उतारने के लिए राक्षस पूतना को भेजता है। पूतना कृष्ण को जहरीला दूध पिलाने का प्रयास करती है, लेकिन भगवान कृष्ण उसको मौत के घाट उतार देते हैं।
इस अवसर पर कृपा शंकर पाण्डेय, ग्राम प्रधान श्रीकांत पांडेय, जुगनू जायसवाल, राजेश, रामसहाय गुप्ता, शिवदयाल गुप्ता, राजा गुप्ता, दिनेश, राम सहाय आदि मौजूद रहे।