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मनोरमा के प्रदूषित जल में कैसे होगा स्नान

आज से शुरू होगी अयोध्या की चौरासीकोसी परिक्रमा

By JagranEdited By: Published: Thu, 18 Apr 2019 11:57 PM (IST)Updated: Fri, 19 Apr 2019 06:11 AM (IST)
मनोरमा के प्रदूषित जल में कैसे होगा स्नान
मनोरमा के प्रदूषित जल में कैसे होगा स्नान

बस्ती: चैत्र पूर्णिमा को मखौड़ा धाम से अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा शुरू होती है। इस बार 19 अप्रैल से यात्रा प्रारंभ हो रही है। एक दिन पूर्व ही संत व श्रद्धालु गृहस्थ मखौड़ा धाम में जुट जाते हैं। रात्रि विश्राम के बाद अगले दिन सुबह मनोरमा नदी में स्नान करने के बाद यात्रा प्रारंभ करने की परंपरा प्रारंभ होती है। मनोरमा नदी का जल काला पड़ चुका है। देख कर ही पानी प्रदूषित लगता है। ऐसे में श्रद्धालु चाह कर भी नदी में स्नान नहीं कर पाएंगे। नदी की तलहटी उथली होने तथा पानी में प्रवाह न होने की वजह से इसका पानी स्पर्श करने लायक भी नहीं रह गया है। हालांकि मंदिर परिसर में जलापूर्ति के लिए एक इंडिया मार्क हैंडपंप व पानी का मोटर लगाया गया है। जो श्रद्धालुओं के स्नान के काम तो आएगा लेकिन नदी स्नान की मंशा धरी रह जाएगी। दुखद बात तो यह है कि नदी की सफाई के लिए स्वयं मुख्यमंत्री ने 28 जनवरी को कार्य प्रारंभ कराया था। कुछ जगहों पर नदी की सफाई का अभियान भी चला लेकिन वह सफल नहीं हो सका। नदी की स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया। यह नदी जिले की सीमा में पिपरही घाट, नकटा घाट कुसमौर घाट से होकर आगे बढ़ती है। कुसमौर घाट से आगे हरिगांव, नागपुर, हरनहवा तक मनोरमा नदी में पानी का नामोनिशान नहीं है। चौरासीकोसी परिक्रमा के लिए मखौड़ाधाम में श्रद्धालुओं के जुटने का क्रम शुरू हो गया है। यात्रा में संत, गृहस्थ बड़ी संख्या में शामिल होते हैं। श्रद्धालुओं की सेवा के लिए रास्ते भर स्थानीय लोग भोजन व जलपान का इंतजाम करते हैं। यह परंपरा इस क्षेत्र में सदियों से चली आ रही है।

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