मिट्टी की सेहत सुधारने के लिए किसानों को बताए गए गुर
जिले के नौ गांवों के 270 किसानों को दिया गया प्रशिक्षण मृदा जांच रिपोर्ट के आधार पर करें खेत में उर्वरक का प्रयोग
जागरण संवाददाता, बस्ती : नेशनल मिशन फार सस्टेनेबल एग्रीकल्चर (एनएमएसए) योजना के तहत किसानों को मिट्टी की सेहत सुधारने के तौर-तरीके बताए जा रहे हैं। पहले चरण में जिले के नौ गांव साऊंघाट ब्लाक के चार व रुधौली ब्लाक के पांच गांवों में मृदा स्वास्थ्य कार्ड कार्यक्रम के तहत 270 किसानों को प्रशिक्षण दिया गया।
शनिवार को आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में किसानों को मिट्टी की जांच रिपोर्ट के आधार पर उर्वरक व सूक्ष्म पोषक तत्वों के प्रयोग की जानकारी दी गई। प्रत्येक गांव से 30-30 किसानों ने प्रशिक्षण में प्रतिभाग किया। उप कृषि निदेशक डा. संजय कुमार त्रिपाठी ने कहा कि किसान मृदा को उपजाऊ बनाने के लिए हरी खाद व गोबर का प्रयोग जरूर करें। कृषि वैज्ञानिक जेपी यादव ने कहा कि अंधाधुंध उर्वरक प्रयोग खेत की मिट्टी को ऊसर बना देगा। उर्वरक व सूक्ष्म पोषक तत्वों के प्रयोग से पहले वैज्ञानिक सलाह जरूरी है। वैज्ञानिक डा. एसएन सिंह ने कहा कि विशेषज्ञों की सलाह से खेती-किसानी करके लागत को कम किया जा सकता है। सहायक निदेशक मृदा परीक्षण हरेंद्र प्रसाद ने कहा कि मृदा की जांच रिपोर्ट के आधार खेती करने से आय में बढ़ोत्तरी होगी। इंद्रजीत मिश्रा, दिलीप कुमार, फूलबदन, प्रदीप कुमार चौधरी, रमजान खान मेवाती, अमित कुमार श्रीवास्तव, संजीव कुमार तिवारी, प्रेम प्रकाश, सूर्यनाथ, सनातन देव त्रिपाठी, सुनील सिंह, चरनजीत चौहान आदि ने संबोधित किया। मृदा परीक्षण मंडल प्रभारी अरविद कुमार सिंह ने बताया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम सांऊघाट ब्लाक के पचदेवरी, भतरिहंवा, सोनौरा, महसिन व रुधौली के भरौली, अहिरौली, मझौआकला द्वितीय, नरही एवं बासखोर खुर्द में आयोजित किया गया। इस दौरान पवन कुमार मिश्र, कामेश्वर मणि, रामसुभग, हरिलाल, प्रेमसागर चौधरी आदि मौजूद रहे।