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उद्यान मंत्री ने डोंगे में गन्ना डालकर पेराई सत्र का किया शुभारंभ

वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विधि विधान से किया गया डोंगा पूजन

By JagranEdited By: Published: Sun, 05 Dec 2021 11:35 PM (IST)Updated: Sun, 05 Dec 2021 11:35 PM (IST)
उद्यान मंत्री ने डोंगे में गन्ना डालकर पेराई सत्र का किया शुभारंभ
उद्यान मंत्री ने डोंगे में गन्ना डालकर पेराई सत्र का किया शुभारंभ

बस्ती: रविवार को मुंडेरवा चीनी मिल में गन्ना पेराई सत्र 2021-22 का उद्घाटन उद्यान राज्य मंत्री श्रीराम चौहान ने डोंगे में गन्ना डालकर किया। डोंगा पूजन के दौरान पूर्व विधायक राजमणि पांडेय,सदर विधायक दयाराम चौधरी,डीसीओ मंजू सिह एवं सहकारी गन्ना समिति मुंडेरवा के सचिव रमेश सिंह,मुख्य गन्ना प्रबंधक कुलदीप द्विवेदी मौजूद रहे।

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गन्ना पेराई सत्र का शुभारंभ करने से पहले वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विधि विधान से डोंगा पूजन का कार्य प्रधान प्रबंधक ब्रजेंद्र द्विवेदी और मुख्य गन्ना प्रबंधक कुलदीप द्विवेदी और हेमंत नायक ने किया। डोंगा पूजन के बाद मुख्य गन्ना प्रबंधक ने कांटे पर गन्ना तौल कराने आये किसान सुनील पांडेय के ट्रैक्टर और कांटे का पूजन तथा किसान को अंगवस्त्र देकर सम्मानित करने के बाद तौल शुरू कराया। इस दौरान किसान बबली चौधरी, पल्टू सिह,राम दुलारे सिह,धर्मेंद्र त्रिपाठी, मारतेन्द्र प्रताप,राजेन्द्र चौधरी, शोभाराम ठाकुर, आइयस जीयस के कर्मचारी उदयभान चौधरी, गोरखनाथ शुक्ल, गोरखनाथ मिश्र,सहित अन्य कर्मचारी व भारी संख्या में किसान मौजूद रहे। - पांच सौ हेक्टेयर में हुई है शरदकालीन गन्ने की बोआई

शरदकालीन मौसम में अब तक पांच सौ हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में किसानों द्वारा की गन्ने की रिकार्ड बोआई की गई है। मिल परिक्षेत्र की तकरीबन सतर फीसद गहरी भूमि होने व लगातार गन्ने के लिए प्रतिकूल मौसम होने के बाद भी इस प्रगति के लिए मिल प्रबंधन ने किसानों के उत्साह को सराहा। कहा बोआई के पूर्व उसकी नर्सरी तैयार करने को किसान अपने क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण उपलब्धि मान रहे हैं।

मुण्डेरवा चीनी मिल के प्रधान प्रबंधक ब्रजेंद्र द्विवेदी के मुताबिक साढ़े सात सौ हेक्टेयर में बोआई का लक्ष्य था। इसके सापेक्ष अब तक पांच सौ हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में गन्ने की बोआई की गई है। इसके लिए साढे़ चार लाख गन्ने का बड, 10 लाख सीड लिग व 1500 क्विंटल गन्ने के बीज की आपूर्ति शरदकालीन मौसम में किसानों को की गई है।इससे किसानों को अधिक उपज मिलने के साथ ही तैयार गन्ना से मिल प्रबंधन को भी अधिक चीनी की परता हासिल होगी।


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