आधी आबादी अभी खतरे में, आंकड़े गवाह
जिले में महिलाओं पर होने वाले अपराधों पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। सरकार की ओर से महिलाओं की सुरक्षा के लिए विभिन्न सेवाओं का संचालन करने के बाद भी उनके प्रति होने वाले अपराधों में कमी नहीं आ रही है। बीते वर्ष नवंबर में महिला अपराध की कुल 26 घटनाएं हुईं तो दिसंबर में यह आंकड़ा बढ़कर 2
बस्ती: जिले में महिलाओं पर होने वाले अपराधों पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। सरकार की ओर से महिलाओं की सुरक्षा के लिए विभिन्न सेवाओं का संचालन करने के बाद भी उनके प्रति होने वाले अपराधों में कमी नहीं आ रही है। बीते वर्ष नवंबर में महिला अपराध की कुल 26 घटनाएं हुईं तो दिसंबर में यह आंकड़ा बढ़कर 28 तक पहुंच गया। वहीं जनवरी के पहले सप्ताह में दुष्कर्म और छेड़खानी की एक एक घटना के अलावा अपहरण की चार वारदातें थानों में दर्ज हुईं।
एसपी की ओर से हर माह की जाने वाली क्राइम मी¨टग में महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों में कमी का सख्त निर्देश दिया जाता रहा है, इसके बाद भी जिले में इन अपराधों पर कभी अंकुश नहीं लग पाया। बीते साल के दिसंबर में दुष्कर्म की 8 घटनाएं हुई जबकि नवंबर में इनकी संख्या 6 थी। अर्थात दो घटनाएं बढ़ गईं। किशोरियों व युवतियों के अपहरण की वारदातें दोनों माह में 12-12 रहीं, मगर जनवरी 2019 के पहले सप्ताह में ऐसी चार घटनाएं दर्ज की गई हैं। अपर पुलिस अधीक्षक पंकज का कहना है कि पुलिस की ओर से महिला अपराधों को रोकने के लिए एंटी रोमियो स्क्वायड, वुमेन हेल्प लाइन जैसी कई सुविधाएं संचालित की जा रहीं है। महिला अपराधों के बढ़ने की वजह सामाजिक क्षरण भी है।
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बीते वर्ष के अंतिम दो माह में महिला अपराधों की स्थिति
घटना नवंबर दिसंबर
: हत्या 01 01
: दुष्कर्म 04 06
: दुष्कर्म का प्रयास 09 08
: अपहरण 12 12
: दहेज हत्या - 01