बोले सो निहाल की हुई गूंज, शौर्य का प्रदर्शन
सबद कीर्तन के साथ शहर में निकाली गई भव्य शोभा यात्रा - जगह-जगह हुई फूलों की वर्षा श्रद्धालुओं ने लगाए जयकारे
बस्ती : चेतक के प्रतीक सजे घोड़े और ऊंट की सवारी। साहिब निशान के साथ सबसे आगे चल रहे पंच प्यारे। पीछे गुरुग्रंथ साहब की सजी-धजी बग्घी वाली सवारी और साथ में श्रद्धालुओं का रेला। यह कारवां जब आगे बढ़ा तो बोले सो निहाल से समूचा शहर गूंज उठा।
यह अछ्वुत दृश्य है गुरु गोविद सिंह के 353 वें प्रकाशोत्सव पर्व पर रविवार को शहर में निकाली गई शोभा यात्रा की। कंपनीबाग गुरुद्वारे से संगीत, संस्कृति, धर्म, अनुराग के प्रवाह के साथ सिखों की यात्रा प्रारंभ हुई तो हर कोई जुड़ता चला गया। सड़क के दोनों पटरियों और छतों पर यात्रा देखने वालों की भीड़ जुटती गई। साथ चल रही महिलाओं का मंगलगान जहां आकर्षण का केंद्र रहा, वहीं बच्चे और पुरुष बोले सो निहाल की गूंज करते रहे। पंजाब का तरन तारन राजेखालसा दल और गतका पार्टी ने जगह-जगह वीरता और शौर्य का अनोखा प्रदर्शन किया। इस खेल के जरिये सूरा सो पहचानिये जो लड़े दीन के हेतु, पुरजा, पुरजा कट मरे कबहू न छांड़े खेत जैसे संदेश इस यात्रा को और भव्यता प्रदान कर रहे थे। यात्रा फौव्वारा चौराहा, मालवीय मार्ग, रोडवेज, गांधीनगर होते हुए फिर कंपनीबाग गुरुद्वारे पर पहुंचकर समाप्त हुई। यहां विशाल लंगर का आयोजन हुआ। गुरू घर के सेवक सरदार जगवीर सिंह ने बताया कि सात जनवरी को कीर्तन दरबार और गुरु का लंगर आयोजित होगा। ज्ञानी गगनदीप सिंह ने गुरुग्रंथ साहब के चरणों में अरदास कर सभी के मंगल जीवन की कामना की।
पंच प्यारे के रूप में चंद्रपाल सिंह, हरी सिंह, भूरे सिंह, चंद्र सिंह, हंसराज सिंह, जत्थेदार प्रीतम सिंह, ज्ञानी प्रदीप सिंह, कुलदीप सिंह, हरदीप सिंह, अमृतपाल सिंह सनम, इंद्रपाल सिंह, जोगेंद्र सिंह, करन सिंह, सैंकी सिंह, प्रमोद सूरी मौजूद रहे।