सरकारी अल्ट्रासाउंड सेवा ठप, मरीजों की कट रही जेब
सरकारी अल्ट्रासाउंड की सुविधा गरीब मरीजों तक नहीं पहुंच रही है। कई माह से लापरवाही के चलते इस सेवा से मरीज वंचित हैं। रेडियोलाजिस्ट न होने से अल्ट्रासाउंड कक्ष में ताला लगा है। वैकल्पिक व्यवस्था भी ठप है। इससे मरीजों को बाहर से अल्ट्रासाउंड कराना पड़ रहा है जिसके लिए उन्हें सात सौ रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं।
बस्ती : सरकारी अल्ट्रासाउंड की सुविधा गरीब मरीजों तक नहीं पहुंच रही है। कई माह से लापरवाही के चलते इस सेवा से मरीज वंचित हैं। रेडियोलाजिस्ट न होने से अल्ट्रासाउंड कक्ष में ताला लगा है। वैकल्पिक व्यवस्था भी ठप है। इससे मरीजों को बाहर से अल्ट्रासाउंड कराना पड़ रहा है, जिसके लिए उन्हें सात सौ रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं।
सालभर से महिला अस्पताल में रेडियोलाजिस्ट नहीं हैं। महिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड से संबंधित केस अधिक आते हैं। गर्भवती महिलाओं को इसकी जरूरत पड़ती है। चिकित्सक भी बिना अल्ट्रासाउंड जांच के केस अधूरा मानते हैं। ऐसे में अस्पताल में यह सुविधा न होने से मरीजों को महंगे दर पर बाहर से अल्ट्रासाउंड कराना पड़ता है। कुछ दिनों के लिए यहां एक पर्ची पर बाहर से निश्शुल्क अल्ट्रासाउंड कराने की व्यवस्था दी गई, लेकिन इन दिनों यह भी सेवा बंद है। बजट और संबंधित संस्था को भुगतान न होने का मामला बताया जा रहा है। 11 लाख रुपये डायग्नोस्टिक मद में बजट पड़ा है। बावजूद इसके भुगतान नहीं हो रहा है।
महिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड धंधा बन चुका है। कथित दलाल अस्पताल गेट से लेकर परिसर और ओपीडी समेत लेबर रूम तक अपनी पैठ जमा चुके हैं। मरीज जैसे ही आते हैं उनके पीछे लग जाते हैं और उन्हें बरगला कर बाहर ले जाते हैं। रेडियोलाजिस्ट की मांग लगातार की जा रही है। रेडियोलाजिस्ट मिलते ही अल्ट्रासाउंड सेवा शुरू करा दी जाएगी। इमरजेंसी में मेडिकल कालेज भेजकर कराया जाता है।