आबादी के बीच डंप हो रहा कूड़ा,बीमारी का खतरा
कस्बे के दक्षिण-पूर्वी छोर पर बसी नई कालोनी में गंदगी और दुर्गंध से लोग परेशान हैं। यहां पोखरे के निकट खुले में कूड़ा डंप किया जा रहा है। आसपास का वातावरण प्रदूषित होने के साथ बीमारी फैलने का खतरा बढ़ गया है।
बस्ती : कस्बे के दक्षिण-पूर्वी छोर पर बसी नई कालोनी में गंदगी और दुर्गंध से लोग परेशान हैं। यहां पोखरे के निकट खुले में कूड़ा डंप किया जा रहा है। आसपास का वातावरण प्रदूषित होने के साथ बीमारी फैलने का खतरा बढ़ गया है।
एक दशक पूर्व तक पुरानी बरदही बाजार के नाम से चर्चित कस्बे का यह स्थल अब नई कालोनी का रूप अख्तियार कर चुका है। डेढ़ दर्जन से अधिक मकान बन चुके हैं और इसमें लोग सपरिवार निवास करते हैं। पोखरे के किनारे ही अधिकांश घरों का कूड़ा फेंका जा रहा है। तेज हवा चलने पर पॉलीथिन या अन्य अपशिष्ट उड़कर सड़क एवं लोगों के घरों तक पहुंच जा रहे है। वहीं कूड़ा फेंके जाने से पोखरे का अस्तित्व भी मिट रहा है। इस कालोनी के रास्ते तमाम श्रद्धालु मरवटिया ग्राम स्थित दुखछोरनाथ शिवमंदिर तक जाते हैं। सड़क पर अंडे के छिलके एवं अन्य कचरा बिखरा होने के चलते राहगीरों को भी काफी दिक्कत हो रही है। ग्राम प्रधान विनोद कसौधन का कहना है कि कई बार जेसीबी लगाकर यहां सफाई करवाई जा चुकी है। स्थानीय लोग कूड़ा फेंकने से मना करने के बाद भी नहीं मान रहे हैं। गौर ब्लाक के 14 गांवों की सफाई व्यवस्था भगवान भरोसे हैं। यहां सफाई कर्मियों की तैनाती ही नहीं की गई है। जिससे इन गांवों की सफाई नहीं हो पा रही है। चहुंओर गंदगी का अंबार लगा है। कूड़ा-करकट से गांवों की नालियां तक पट चुकी है। जलभराव का भी संकट है। विकास खंड क्षेत्र में कुल 273 राजस्व गांव हैं। वहीं ब्लाक क्षेत्र में सफाईकर्मियों की कुल तैनाती 251 है। खेचुहा खापड़, कुईलपुर, इटहिया, पलिहारपुर, भैसीपुर, देवरहना, पैकोलिया समेत चौदह राजस्व गांवों में सफाई कर्मियों की तैनाती ही नहीं हैं। यहां के नागरिक सफाईकर्मियों की तैनाती की मांग कर रहे हैं। बरहापुर गांव में दो सफाई कर्मचारी की तैनाती है। एडीओ पंचायत गौर सुभाष चंद्र चौधरी ने बताया कि वंचित राजस्व गांवों में सफाईकर्मियों की तैनात के लिए उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा गया है।