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रेडबुल से बना करोड़पति,चुनाव लड़ने की तैयारी में शमशेर

साफ्टवेयर के पैनल सेलर बनाकर की जाती थी मोटी वसूली

By JagranEdited By: Published: Fri, 31 Jan 2020 11:32 PM (IST)Updated: Fri, 31 Jan 2020 11:32 PM (IST)
रेडबुल से बना करोड़पति,चुनाव लड़ने की तैयारी में शमशेर
रेडबुल से बना करोड़पति,चुनाव लड़ने की तैयारी में शमशेर

बस्ती: चार साल से आइआरसीटीसी की वेबसाइट में सेंध लगाकर अवैध रेडबुल साफ्टवेयर बना ई टिकट का पूरे देश में एक अलग नेटवर्क खड़ा करने वाला शमशेर दूसरी बार पुलिस की गिरफ्त में आया है। इससे पहले वह वर्ष 2016-17 में सीबीआई के हत्थे चढ़ा था। तब वह बंगलोर में यह काम कर रहा था। सीबीआइ की गिरफ्त से बाहर आने के बाद उसने गुपचुप ढंग से पूरा नेटवर्क खड़ा कर दिया। साफ्टवेयर के बिक्री के लिए लीड सेलर और पैनल सेलर नियुक्त किए। इनसे प्रतिमाह 3000 रुपये मासिक किराया वसूल करता था। इस तरह पूरे देश में दस हजार से अधिक एजेंट इसकी छतरी के नीचे काम कर रहे हैं।

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एसपी हेमराज मीणा के अनुसार दो दिसंबर 2019 को क्राइम ब्रांच की स्वाट टीम, पुरानी बस्ती पुलिस और आरपीएफ की संयुक्त टीम ने हैकर शमशेर आलम गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया था। इनमें सन्नी राय उर्फ राजा भाई पुत्र रामजतन राय निवासी ग्राम भूपगढ़ थाना गोला जिला गोरखपुर,वर्तमान निवासी बुद्ध बिहार पार्ट,थाना रामगढ़ ताल जिला गोरखपुर, सौरभ राय पुत्र भास्कर राय निवासी चाड़ी थाना गोला जिला गोरखपुर व मोइनुलहक उर्फ लल्लू पुत्र सिराजु लहक निवासी पिकौरा दत्तू थाना कोतवाली बस्ती शामिल थे। इनसे मिली जानकारी के बाद पुलिस गिरोह के सरगना शमशेर आलम पुत्र निसार अहमद निवासी कोल्हुई गरीब थाना खोड़ारे जनपद गोंडा की तलाश में जुटी। इसी क्रम में गिरोह के दो अन्य सक्रिय सदस्य अभय प्रताप सिंह पुत्र उमेश प्रताप सिंह निवासी जेल रोड कोतवाली गोंडा,जनपद गोंडा और रेहान सिद्दीकी निवासी बलराम को हर्रैया कस्बे से बीते 8 दिसंबर को पकड़ा गया। इनकी गिरफ्तारी के बाद शमशेर भूमिगत हो गया। ईमेल और फोन से गलत सूचनाएं प्रसारित कर पीछे लगी पुलिस टीमों को गुमराह कर रहा था। शुक्रवार को पकड़ में आने के बाद उसकी सारी कलई खुलकर सामने आ गई । बस्ती पुलिस आरपीएफ के साथ मिलकर इन दिनों शमशेर के ई टिकटिग के नेटवर्क को तोड़ने के लिए सुनियोजित अभियान चला रही है। चुनाव लड़ने की तैयारी में था शमशेर

ई टिकट के अवैध साफ्टवेयर के जरिए करोड़पति बना शमशेर आलम स्कूल और ट्रांसपोर्ट का कारोबार खड़ा करने के बाद चुनाव लड़ने की तैयारी में था। वह पिछले दो साल से गोंडा जनपद में जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़कर जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी हथियाने के सपने देख रहा है।

शमशेर का आपराधिक इतिहास

हैकर शमशेर पर कुल पांच मुकदमें दर्ज हैं। पहली बार वर्ष 2015 में मुंबई के आरपीएफ थाना दादर में रेलवे एक्ट के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया था।

वर्ष 2017 में सीबीआइ ने बंगलोर में धोखाधड़ी, रेलवे एक्ट तथा आइटी एक्ट के तहत, वर्ष 2019 में गोंडा के खोड़ारे थाना में धोखाधड़ी, कूट रचना की धारा में, उसी साल आरपीएफ बस्ती ने रेलवे एक्ट के तहत और पुरानी बस्ती थाना में धोखाधड़ी, कूट रचना और आइटी एक्ट के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया है।


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