झाड़ी में मिली टीबी की चार गत्ता दवा
दवाएं की गईं सुरक्षित, मामले की हो रही जांच: सीएमओ
बस्ती: प्रदेश में एक ओर जहां पर लोग दवा के अभाव में जीवन से हाथ दो रहे हैं वहीं दूसरी तरफ सरकारी अस्पताल की दवाएं सड़क के किनारे फेंकी जा रही हैं। ऐसा ही एक मामला बस्ती-बांसी मार्ग के पुर्सिया गांव के पास सामने आया। सड़क के किनारे सोमवार की भोर में टहलने निकले कोड़रा निवासी चंद्रमणि यादव सुबह सड़क के किनारे टहल रहे थे। सड़क की दाहिनी पटरी के पास केले के पेड़ों के बीच कुछ दवाओं का गत्ता दिखा। मौके पर जाकर देखे तो पता चला कि चार गत्ते फेंके गए हैं। जिसमें तीन गत्ता खुला नहीं था। एक गत्ते की दवा बिखरी पड़ी थी। एक दवा का डिब्बा उठा कर देखा तो पता चला कि टीबी की दवा है। उन्होंने इसकी सूचना मुख्य चिकित्सा अधिकारी जेएलएम कुशवाहा को दी। सूचना पर तत्काल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र फार्मासिस्ट सनातन मिश्र व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र साउघाट के चिकित्सा प्रभारी डा. राकेश मणि त्रिपाठी डा.आरके हालदार व टीबी प्रोग्राम के अफजल हुसैन मौके पर पहुंचे। वाल्टरगंज पुलिस को भी सूचना दी गई। थानाध्यक्ष अनिल कुमार ¨सह ने मौके का जायजा लिया। प्रभारी चिकित्सा अधिकारी की देखरेख में दवा को सुरक्षित किया गया। साऊघाट के चिकित्सा प्रभारी डा. राकेश मणि त्रिपाठी ने बताया कि यह सभी दवाएं टीबी की हैं। मौके पर तीन गत्ता व 14 पैकेट दवा पाई गई। सभी दवाएं अभी उपयोग के लायक हैं। वाल्टरगंज पुलिस को मामले की तहरीर दी गई है। सीएमओ का कहना यह दवा बस्ती नहीं सिद्धार्थ नगर जनपद की है। बैच नंबर देखने से पता चला है कि इसकी आपूर्ति पड़ोसी जनपद के लिए हुई थी। मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की जाएगी।