फसल बचाने के लिए खेत में बीत रही किसानों की रात
जंगली जानवर और बेसहारा पशु धान की फसल के दुश्मन बन गए हैं। यह पशु फसलों को चर कर और रौंदकर बर्बाद कर रहे हैं। इन दिनों धान की बालियां निकल गईं हैं। ऐसे में जानवर धान की फसल को बुरी तरह तबाह कर रहे हैं।
बस्ती: जंगली जानवर और बेसहारा पशु धान की फसल के दुश्मन बन गए हैं। यह पशु फसलों को चर कर और रौंदकर बर्बाद कर रहे हैं। इन दिनों धान की बालियां निकल गईं हैं। ऐसे में जानवर धान की फसल को बुरी तरह तबाह कर रहे हैं। फसल बचाने के लिए किसानों को रात में खेत में मचान डाल कर रहना पड़ रहा है।
जानवरों के झुंड से फसल बचाने के लिए कुछ किसान पटाखों की आवाज भी कर रहे हैं। इसके बावजूद जानवरों का धावा जारी है। एक खेत से भगाने पर वह दूसरे के खेत में घुस जा रहे हैं। इन जानवरों से छुटकारा पाने के लिए वन विभाग के अधिकारियों से भी किसानों ने कहा लेकिन उनकी पीड़ा सुनीं नहीं गई। किसानों का कहना है कि पशुओं के एक झुंड में दस से बीस जंगली सुअर, नीलगाय, गाय, बछड़े और सांड रहते हैं। यह झुंड जिस तरफ के खेतों में घुसता है उधर की सारी फसल नष्ट हो जाती है। गौरा,पड़िया,मकदा,इटौआ, धमौरा, सरैया, मानिकचंद, दसिया, विशुनपुरवा, तिगोडिया, मुगरहा, मैनी, बजहा, रायठ, सुरवार कला, पिपरा कला में इन पशुओं का सर्वाधिक आतंक है। किसान राजू शुक्ला,पंकज यादव,फूल यादव, अमित यादव ,राज़कुमार चौहान का कहना है कि पशु आश्रय स्थल होने के बाद भी गोवंशीय पशुओं को वहां नहीं रखा जा रहा है। न ही जंगली पशुओं से निजात दिलाई जा रही है।