मूल संस्कृति से दूर हो गए कई देश : जय प्रताप
चेतना यदि संस्कारित नहीं तो डिग्री निरर्थक : कुलपति
बस्ती : प्रदेश के आबकारी मंत्री राजा जय प्रताप ¨सह ने कहा कि कई देश अपने मूल संस्कृति से दूर हो रहे हैं। भारत में भी इसका असर है। यदि ऐसा न होता तो आजाद भारत में 70 साल के बाद दिल्ली के जेएनयू के छात्र पर देश द्रोह का मुकदमा दर्ज नहीं होता। यह वामपंथी विचाराधारा से जुड़े प्रोफेसरों की देन है। यहां से निकले छात्र अलग भारत की तस्वीर देखते हैं। कैबिनेट मंत्री गुरुवार को शहर के श्रीकृष्ण पांडेय इंटर कालेज में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रतिभा सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। कहा कि इधर चार साल पहले को भारत को मूल संस्कृति वापस दिलाने का प्रयास शुरू हुआ। अब इस पर युवाओं और विद्यार्थियों को चलाना है। भारत की मूल संस्कृति पर इनका आना जरूरी है। प्रयागराज के कुंभ में हमारा असली भारत है। विदेशी महिलाएं यहां गायत्री मंत्र का गान कर रही हैं। सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुरेंद्र नाथ दुबे ने कहा कि किताबी शिक्षा से संस्कार नहीं मिलता। यदि हमारी चेतना संस्कारित नहीं है तो सभी डिग्री निरर्थक है। ज्ञान को धनोपार्जन का माध्यम न बनाया जाए। हम विद्यार्थियों में अपने संतान का चेहरा देखते हैं। पीएम ने राष्ट्र को परम वैभव तक पहुंचाने में अनुकरणीय प्रयास किया है। शिक्षा क्षेत्र में परिवर्तन हुआ है। मजबूत राष्ट्र शक्ति के लिए मजबूत छात्र शक्ति जरूरी है। परिषद एक संस्कारशाला है। विशिष्ट अतिथि विधायक हर्रैया अजय ¨सह, प्रांत अध्यक्ष राजशरण शाही ने भी संबोधित किया। संचालन प्रांत मंत्री भूपेंद्र ¨सह राणा ने किया। स्वागत अध्यक्ष भाजपा नेता गणेश नारायण मिश्र, अमित ¨सह राहुल ने अतिथियों को अंग वस्त्र और स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया।