यहां ढ़ूंढते रह जाएंगे धान क्रय केंद्र
धान बेचना है। क्रय केंद्र खोज रहे हैं तो बस ढूंढते रह जाएंगे। बात रहे हैं हम बस्ती जिले की। जहां धान खरीद अभियान सिर्फ कागजों में दौड़ रहा है। अफसर भी बयान तक सीमित हैं। क्रय केंद्रों की पहचान कर पाना ही कठिन है।
बस्ती : धान बेचना है। क्रय केंद्र खोज रहे हैं तो बस ढूंढते रह जाएंगे। बात रहे हैं हम बस्ती जिले की। जहां धान खरीद अभियान सिर्फ कागजों में दौड़ रहा है। अफसर भी बयान तक सीमित हैं। क्रय केंद्रों की पहचान कर पाना ही कठिन है। टेंट, कुर्सी, पेयजल आदि इंतजाम कौन कहे, बैनर-पोस्टर तक नहीं हैं। अब तक मंडल में महज छह हजार किसानों का ही पंजीकरण हो पाया है। --
तस्वीर नंबर एक: साधन सहकारी समिति सल्टौआ। जीर्ण-शीर्ण बदरंग भवन। धान क्रय को लेकर बैनर पोस्टर तक नहीं लगे हैं। गेट पर ताला लगा है। परिसर में सन्नाटा है। यह ²श्य सोमवार को दिन में 12 बजे का है। चौकीदार हीरालाल मौजूद मिले।
तस्वीर नंबर दो: रुधौली ब्लाक का क्रय केंद्र राजकीय गोदाम कोहरा। यहां अभियान का सिर्फ बैनर टांग कर जिम्मेदारों ने फुर्सत ले ली है। कुर्सी, टेंट, पेयजल आदि का कोई इंतजाम नहीं है। केंद्र प्रभारी संजय शुक्ल ने बताया कि अभी किसानों के यहां फसल ही तैयार नहीं हो पाई है।
अभियान में इस बार पांच क्रय एजेंसिया शामिल की गई हैं। खाद्य एवं रसद विभाग, पीसीएफ, पीसीयू, कर्मचारी कल्याण निगम, भारतीय खाद्य निगम , पंजीकृत सहकारी समितियां आरएफसी श्री प्रकाश मिश्र ने कहा कि जिला एवं मंडल स्तर पर अलग-अलग टीम गठित की गई है। केंद्रों का निरीक्षण हो चुका है। कल यानी मंगलवार तक प्रत्येक टीम ओके रिपोर्ट भी भेजेंगी। तब कार्रवाई होगी। फिलहाल तैयारी पूरी है। धान की फसल कटने का इंतजार है।