बहुफसली खेती से बढ़ेगी खेत की उवर्रता
नई दिल्ली में वर्षा आधारित कृषि पर राष्ट्रीय सम्मेलन में जनपद के प्रगतिशील किसान राममूर्ति मिश्र ने कहा है कि खेत की उवर्रता बढ़ाने के लिए किसानों को बहुफसली खेती करनी होगी। मिश्र ने बताया कि उन्होंने इंडिया इंटरनेशनल सेंटर (आइआइसी) में 14 व 15 फरवरी को आयोजित सम्मेलन में सुझाव दिया है कि जमीन की उर्वरता बढ़ाने के लिए आर्गेनिक मैनेजमेंट को समझने की जरूरत है। जैव विविधता के आधार पर खेती को बढ़ावा देने की जरूरत है।
बस्ती: नई दिल्ली में वर्षा आधारित कृषि पर राष्ट्रीय सम्मेलन में जनपद के प्रगतिशील किसान राममूर्ति मिश्र ने कहा है कि खेत की उवर्रता बढ़ाने के लिए किसानों को बहुफसली खेती करनी होगी। मिश्र ने बताया कि उन्होंने इंडिया इंटरनेशनल सेंटर (आइआइसी) में 14 व 15 फरवरी को आयोजित सम्मेलन में सुझाव दिया है कि जमीन की उर्वरता बढ़ाने के लिए आर्गेनिक मैनेजमेंट को समझने की जरूरत है। जैव विविधता के आधार पर खेती को बढ़ावा देने की जरूरत है। साथ ही इकोलाजिकल बैलेंस भी बनाए रखने की जरूरत है। सम्मेलन में देशभर के 450 से अधिक किसानों, नीति निर्माताओं, शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य वर्षा आधारित कृषि से जुड़े विषयों पर चर्चा, आम सहमति बनाना और केंद्र व राज्य स्तर पर नीतियों और कार्यक्रमों को बनाने की आवश्यकता पर बल देना है। सम्मलेन में राष्ट्रीय वर्षा आधारित क्षेत्र प्राधिकरण के सीईओ और किसानों की आय दोगुनी करने के लिए गठित समिति के अध्यक्ष डा. अशोक दलवई, ग्रामीण विकास मंत्रालय की संयुक्त सचिव लीला जौहरी, यूनाइटेड नेशंस के टोमियो सिचिरी, पदमश्री भारत भूषण त्यागी, केंद्रीय कृषि मंत्रालय के प्रमुख सचिव डा. सौरभ गर्ग , ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव अमरजीत सिन्हा मौजूद रहे।