भगवान राम की निकली बरात, उमड़े श्रद्धालु
10000 रुपये अर्थदंड भी देने का आदेश दिया है
बस्ती : स्थानीय कस्बे में चल रहा राम विवाह महोत्सव बुधवार को और भव्य हो चला। दोपहर में भगवान राम की मनोहारी बरात निकाली गई। राम बराती के रूप में सड़क पर सैलाब चल रहा था। बाजार में स्थित हनुमानगढ़ी से गाजे-बाजे के साथ बरात प्रारंभ हुई। प्रभु राम के दरबार की आकर्षक झांकियां सजाई गईं। सबसे आगे प्रभु राम का रथ था। जिस पर प्रतीकात्मक चारों भाई सवार थे। जगह-जगह महिलाएं बरात के स्वागत के लिए खड़ी रहीं। प्रभु राम के रथ की आरती उतारी गई। पुष्प वर्षा की गई। गगनभेदी जयकारे गूंजते रहे। यात्रा में शामिल श्रद्धालु झूमते गाते नजर आए। समूचा माहौल भक्तिमय हो चला। युवा वर्ग भक्ति गीतों के बज रहे कैसेट पर थिरकता रहा। महिलाएं विवाह गीतों का मंगलगान करती रहीं। बरात ज्यों- ज्यों आगे बढ़ी श्रद्धालु भी बढ़ते गए। सड़कों के किनारे और घरों की छत पर लोग उमड़ पड़े। बरात धरमूपुर चौराहे पर पहुंची। जगह-जगह स्टाल लगाए गए थे। यहां राम बारातियों को जलपान कराया गया। विवाह स्थल पर मेले जैसा दृश्य रहा। सुनील ¨सह, राजबहादुर दुबे, हनुमान सोनी, बालमुकुंद, दिनेश अग्रहरि, रबी गुप्त, मंगल प्रसाद अग्रहरि, कमला प्रसाद, विजय पनहार, अवध किशोर, भगवती गुप्त, जो¨गदर गुप्त मौजूद रहे।
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शिव धनुष तोड़ने का मंचन
श्रीराम विवाह समिति की ओर से शिव धनुष तोड़ने का अदुभुत मंचन किया गया। भगवान राम धनुष तोड़ते हैं। इसके बाद परशुराम- लक्ष्मण संवाद का सजीव चित्रण प्रस्तुत किया गया। कलाकारों का अभिनय सराहा गया। अहिल्या उद्धार का मंचन हुआ। जिलेंद्र सोनी,सत्यवान, सियाराम, मंगल प्रसाद, विनय सोनी, बुद्धि सागर, अनिल गुप्त का अहम योगदान रहा। दुबौलिया पुलिस पूरी तत्परता से मौजूद रही।
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कलश शोभा यात्रा के साथ श्रीराम महायज्ञ का हुआ शुभारंभ
परशुरामपुर,हर्रैया, बस्ती: क्षेत्र के मखौड़ा धाम में 9 दिवसीय श्रीराम कथा का बुधवार को शुभारंभ हुआ। पौराणिक श्रीराम जानकी हनुमान मंदिर पश्चिमी वीरन दास घाट से कलश यात्रा निकाली गई। महिलाओं व कन्याओं ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। महिलाएं कलश धारण कर मंत्रोच्चार के साथ मनोरमा से जल लेकर पैदल चल रही थी। मान्यता है कि जिस प्रकार अयोध्या नरेश महाराजा दशरथ, देवगण, पृथ्वी एवं प्रजा ने सांस्कृतिक मंत्रोच्चार एवं यज्ञ आहुति द्वारा भगवान राम सहित चारों भाइयों को प्राप्त किया था। ठीक उसी तरह यज्ञ में भाग लेने वाले यजमानों को सांसारिक पीड़ा से मुक्ति मिलती है। महायज्ञ की शुरुआत अयोध्या के महंत जनार्दन दास महराज ने की। कलश यात्रा परशुरामपुर बाजार से होते हुए कोहराएं के रास्ते मखौड़ा धाम पहुंची। मनीष पाठक,बाबा भोला दास, पुजारी सिद्धू दास, झिन्नन दास, चंद्रभान पांडेय, शिव बालक, सुनील कुमार जायसवाल, बब्बू पाठक, मनीष जायसवाल, देवी प्रसाद यादव मौजूद रहे।