कर्मचारियों की सुविधाओं में कटौती कर रही सरकार
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के आह्वान पर मंगलवार को कर्मचारियों ने 11 सूत्रीय मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन कर विरोध जताया। इसके बाद मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को संबोधित ज्ञापन डीएम के प्रतिनिधि एएसडीएम आशाराम वर्मा को सौंप चेतावनी दी कि यदि सरकार उनकी मांगों पर ठोस कार्रवाई नहीं करती है तो बड़ा आंदोलन छेड़ा जाएगा।
बस्ती: राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के आह्वान पर मंगलवार को कर्मचारियों ने 11 सूत्रीय मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन कर विरोध जताया। इसके बाद मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को संबोधित ज्ञापन डीएम के प्रतिनिधि एएसडीएम आशाराम वर्मा को सौंप चेतावनी दी कि यदि सरकार उनकी मांगों पर ठोस कार्रवाई नहीं करती है तो बड़ा आंदोलन छेड़ा जाएगा।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिलाध्यक्ष मस्तराम वर्मा ने कहा कि सरकार तानाशाही रवैया अपनाकर कर्मचारियों की सुविधाओं में कटौती कर उनका उत्पीड़न कर रही है। पुरानी पेंशन बहाली, कैशलेस चिकित्सा सुविधा उपलब्ध सहित उनकी अन्य मांगें नहीं मानी गईं तो प्रदेश स्तर पर आंदोलन छेड़ने के लिए कर्मचारी मजबूर होंगे। परिषद के वरिष्ठ जिला उपाध्यक्ष रामअधार पाल और मंत्री तौलू प्रसाद ने कहा कि भाजपा सरकार ने कर्मचारियों को पूर्व में मिलने वाली नकदीकरण, एलटीसी सुविधा, परिवार कल्याण भत्ता, कंप्यूटर भत्ता समाप्त कर कर्मचारी विरोधी नीति अपना रही है। उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। विकास भवन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अजीत कुमार सिंह, कोषागार कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अखिलेश पाठक, डिप्लोमा इंजीनियर महासंघ के अध्यक्ष केके मिश्र, ग्राम पंचायत संघ के अध्यक्ष अरुणेश पाल, ग्राम विकास अधिकारी संघ के मंत्री अमरनाथ गौतम ने कहा कि कर्मचारियों का उत्पीड़न अब चरम पर है। कर्मचारी एकजुट होकर निर्णायक आंदोलन छेड़ेंगे। ट्यूबेल टेक्निकल इंप्लाइज एसोसिएशन के मंत्री संतोष राव, सिचाई संघ के अध्यक्ष सुभाष मिश्र, कर्मचारी नेता रणजंय सिह, प्रदीप दूबे, मनोज यादव ने भी विचार व्यक्त किए।
इंजी.ओंकार यादव, अजय आर्य,प्रमोद शुक्ल, संजय निगम, रामशंकर चौधरी, अखिलेश शुक्ल, रमाकांत वर्मा, अभिषेक सिंह, रियाजत अली, जलालुद्दीन कुरैशी, लालजी कन्नौजिया, उमेश वर्मा, कौशल कुमार चौधरी, राजेश यादव, उदय पाल, सीमा भारद्वाज, रुद्रनरायन, राजेश कुमार, मो.कलीम मौजूद रहे।
-----------------