महिला अस्पताल में ध्वस्त हुई इमरजेंसी सेवा, भटक रहे मरीज
गर्भवती महिलाओं के इलाज में चिकित्सक बरते रहे लापरवाही
बस्ती : महिला अस्पताल में लाकडाउन के दौरान इमरजेंसी सेवाएं धड़ाम हो गई है। गंभीर गर्भवती महिलाओं के साथ अस्पताल में अच्छा बर्ताव नहीं हो रहा है। चिकित्सक और स्टाफ की लापरवाही से मरीज दर-दर भटकने को विवश हैं। हाल यह है कि यदि किसी का ब्लड प्रेशर थोड़ा सा बढ़ा है तो उसे कंट्रोल करने के बजाए सीधे रेफर कर दे रहे हैं। जिम्मेदार जांच कर कार्रवाई की दलील देकर पल्ला झाड़ ले रहे हैं।
सदर ब्लाक के चैनपुर की मीरा को प्रसव पीड़ा होने पर रात में ही एंबुलेंस से महिला अस्पताल पहुंचाया गया। चिकित्सक डा. संतोष मौर्य रात्रिकालीन ड्यूटी पर थे। मरीज दर्द से कराह रही थी। स्टाफ व चिकित्सक से परिजन बार-बार देखने के लिए आग्रह कर रहे थे। किसी तरह से चिकित्सक ने देखा। ब्लड प्रेशर बढ़ा होने की बात कहते हुए चिकित्सक ने आपरेशन से मना करते हुए रेफर कर दिया। चिकित्सक ने बताया कि यहां बीपी कंट्रोल करने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। ओपेक चिकित्सालय पहुंचने पर चिकित्सक तत्काल मेडिकल कालेज रेफर कर दिए। पूरी रात मरीज को लेकर तीमारदार भटकते रहे। हीना भी गर्भवती है। परिजन शुक्रवार को अस्पताल लेकर पहुंचे। यह कहकर लौटा दिया गया कि केवल इमरजेंसी वाले मरीज को देखा जाएगा। जबकि हीना के पेट में काफी दर्द था। ये दो केस महज बानगी है। न जाने कितने गर्भवती मरीज अस्पताल प्रशासन की इस ढुलमुल व्यवस्था से परेशान होकर लौट जा रहे हैं।
--------
इमरजेंसी सेवा चल रही है। जरूरी मरीज देखे जा रहे हैं। यदि चिकित्सक व स्टाफ लापरवाही बरत रहे हैं तो जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी। फिजीशियन नहीं हैं।
डा. एके सिंह, सीएमएस, महिला अस्पताल