फसल अवशेष जलाएं नहीं, मिट्टी में मिलाएं
धान फसल कटने से पहले किसानों पर फसल अवशेष जलाने की प्रवृत्ति पर नियंत्रण की तैयारी शुरू हो गई
बस्ती : धान फसल कटने से पहले किसानों पर फसल अवशेष जलाने की प्रवृत्ति पर नियंत्रण की तैयारी शुरू हो गई है। जिलाधिकारी डा. राजशेखर की अध्यक्षता में विकास भवन में आयोजित समीक्षा बैठक में कृषि विभाग के आरकेवीवाइ योजना के तहत संचालित हरित क्रांति योजना व फसल अवशेष प्रबंधक के लिए इन-सीटू क्राप रेसिड्यूए मैनेजमेंट कृषि यंत्रीकरण योजना की प्रगति जानी गई। समीक्षा में तय हुआ कि किसानों को प्रेरित करें कि फसल के अवशेष जलाएं नहीं बल्कि इन्हें तकनीक से मिट्टी में मिलाएं। समीक्षा में पशुपालन, दुग्ध, मत्स्य, गन्ना, रेशम, लघु ¨सचाई विभाग के अधिकारी शामिल हुए।
जिलाधिकारी ने कहा कि धान की पराली को जलाने वाले किसानों को जब यह बताया जाएगा कि इससे क्या हानि होती है। जिससे वह अवशेष जलाना छोड़कर नई तकनीक अपनाएंगे। इसके लिए जागरूकता अभियान चलाना होगा। विभाग में अनुदान पर मिलने वाली मशीनों के बारे में जानकारी दी गई। उप निदेशक कृषि बलराम वर्मा ने यंत्र के बारे में विस्तार से बताया। कहा कि मशीन क्रय पर 50 फीसद तक अनुदान संभव है। इसके लिए बड़े किसानों को प्रेरित किया जा रहा है। इस दौरान सीडीओ अर¨वद कुमार पांडेय, मुख्य राजस्व अधिकारी आरडी पांडेय, जिला कृषि अधिकारी संजेश कुमार श्रीवास्तव मौजूद रहे।