माधुर्य व उल्लास के माहौल में सज गई दीपों की माला
दिन भर हुई खरीदारी, बनी रही चहल-पहल
बस्ती : दीपावली पर्व की अछ्वुत छटा अब चहुंओर बिखर चुकी है। शहर हो या गांव एक-एक घर सज गए हैं। दूधिया रोशनी से कोना-कोना जगमग हो रहा है। शाम ढली तो घर-आंगन, खेत, खलिहान, महापुरुषों की प्रतिमा स्थल सब दीपक से ऐसे जगमगाए मानो पूरी धरा दीपों की माला का आभूषण धारण किए हो। त्रेताकाल में लंका पर विजय प्राप्त कर अयोध्या लौटने पर भगवान राम की आगवानी का दृश्य ही दीपावली उत्सव का रूप लिया था। अवध का यह क्षेत्र भगवान से जुड़ी स्मृतियों को फिर ताजा कर रहा है। खुशियां बांटने की होड़ मची है। अनुपम दृश्य अब हर तरफ बिखर चुका है। लोग अपने-अपने अंदाज में त्योहार के जश्न में डूबे हैं। मिठाई, नए परिधान, पुष्प गुच्छ के उपहार दिए जा रहे हैं। खरीदारी का दौर अभी जारी है। बाजार में उत्साह और उमंग का संगम है। सामानों की जमकर खरीदारी हो रही है। समूचा शहर दुल्हन की तरह सजा हुआ है। शाम ढलने के बाद दूधिया रोशनी का प्रकाश फैल रहा है। गांधीनगर और पुरानी बस्ती दीपावली की रंगत का गवाह बना है। मनमोहक दृश्य की अलौकिक छटा से हर कोई अभि¨सचित हो रहा है। बुधवार को दृश्य और रमणीय बन जाएगा।
गरम रहा पटाखों का बाजार
पटाखों का बाजार गरम रहा। मंगलवार को सुबह से लेकर देर रात खरीदारी चलती रही। लोगबाग दीपावली में जमकर आतिशबाजी करने को आतुर दिखे। उत्साह के आगे कुछ भी नहीं। महंगे से महंगे पटाखे लोग खरीदकर अपने झोले में रखे। शहर के राजकीय इंटर कालेज मैदान, आइटीआइ मैदान, स्टेशनरोड पर पटाखे की बाजार लगी हुई है। युवा, बच्चे और अभिभावक यहां खरीदारी करते नजर आए। फुलझड़ी, अनार, राकेट, सुतली बम, चटाई आदि पटाखे खूब बिके। खूब बिकी मिठाई और लाई
दीपावली के अवसर पर शहर के फुटपाथ पर मिठाई और लाई की दुकानें कतारबद्ध होकर सजाई गई है। यहां खरीदार पूरे उमड़ते रहे। त्योहार का यह प्रमुख उपहार है। मिठाई और लाई की जमकर खरीदारी हुई। इसके अलावा गणेश-लक्ष्मी की पूजा के लिए उनकी नई मूर्ति भी खरीदी गई। जो भी बाजार आए इन सामानों को जरूर लिए।