जांच में जिला पंचायत की परियोजनाएं मिलीं अधूरी
कार्य पूरा न करने वाले ठीकेदारों को ब्लैकलिस्ट घोषित किया जाए
जासं, बस्ती : जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने जिला पंचायत कार्यालय का गुरुवार को आकस्मिक निरीक्षण किया। यहां सभी अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित पाए गए। विकास कार्यों की समीक्षा के दौरान 307 परियोजनाएं अधूरी पाई गई। इसको लेकर डीएम ने असंतोष व्यक्त किया।
निर्देश दिए कि समय से कार्य पूर्ण न करने वाले ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट घोषित किया जाए। अपूर्ण कार्यों के लिए पूर्व में यहां तैनात अपर मुख्य अधिकारी संतोष सिंह तथा अभियंता संतोष पांडेय को दोषी करार दिया। इनकी शिथिलता एवं लापरवाही के लिए शासन को कार्यवाही के लिए प्रकरण संदर्भित करने का निर्देश दिया। जिला पंचायत अभियंता द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2015-16 में एक, वर्ष 2016-17 के 17, वर्ष 2017-18 के 108, वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 की कुल 181 परियोजनाएं अधूरी मिली। सात करोड़ 97 लाख की देनदारी भी पाई गई। वित्तीय परामर्शदाता राहुल यादव ने बताया कि परियोजनाओं के टेंडर एवं वित्तीय प्रबंधन के संबंध में उनसे कोई परामर्श नहीं लिया जाता। जिलाधिकारी के संज्ञान में यह भी लाया गया कि जेई आरबी सिंह तथा मनीष द्वारा कार्यों में कोई रुचि नहीं ली जाती है। वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 के कार्यो का अभी तक भुगतान नहीं हो पाया है। पुराने कार्यों का जीएसटी के अनुसार रिवाइज एस्टीमेट नहीं तैयार किया गया है। डीएम ने नाराजगी जाहिर करते हुए अपर मुख्य अधिकारी को एक सप्ताह में जीएसटी प्रकरण निस्तारित करने के निर्देश दिए। मुख्य कोषाधिकारी श्रीनिवास त्रिपाठी तथा अपर एसडीएम सुखवीर सिंह को अधिष्ठान, वित्तीय स्थिति एवं टैक्स के बारे में विस्तृत जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया। कर अधिकारी अमित यादव समेत अन्य स्टाफ को अपनी कार्यशैली में सुधार लाने को कहा।