दोषी साबित होने के बाद भी नहीं हुई बर्खास्तगी
फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर सफाईकर्मी की नौकरी करने वाले दो सफाईकर्मियों को अब तक बर्खास्त नहीं किया गया। मामले में जांच के बाद दोनों को जून 2018 में निलंबित कर दिया गया था। तभी से मामला अधर में है। भादी खुर्द गांव निवासी रामसंवारे ने सफाईकर्मी राजेश कुमार और मुन्नी देवी की शिकायत अधिकारियों से की थी। दोनों पर फर्जी अंक पत्र और टीसी लगाकर सफाई कर्मी की नौकरी प्राप्त करने का आरोप है। जांच के बाद बीएसए और खंड शिक्षाधिकारी सदर की रिपोर्ट पर डीपीआरओ ने दोनों सफाई कर्मियों को निलंबित कर दिया। शिकायतकर्ता का आरोप है कि दोषी पाए जाने के बाद भी उन्हें बचाया जा रहा है।
बस्ती: फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर सफाईकर्मी की नौकरी करने वाले दो सफाईकर्मियों को अब तक बर्खास्त नहीं किया गया। मामले में जांच के बाद दोनों को जून 2018 में निलंबित कर दिया गया था। तभी से मामला अधर में है।
भादी खुर्द गांव निवासी रामसंवारे ने सफाईकर्मी राजेश कुमार और मुन्नी देवी की शिकायत अधिकारियों से की थी। दोनों पर फर्जी अंक पत्र और टीसी लगाकर सफाई कर्मी की नौकरी प्राप्त करने का आरोप है। जांच के बाद बीएसए और खंड शिक्षाधिकारी सदर की रिपोर्ट पर डीपीआरओ ने दोनों सफाई कर्मियों को निलंबित कर दिया। शिकायतकर्ता का आरोप है कि दोषी पाए जाने के बाद भी उन्हें बचाया जा रहा है। उन्होंने तहसील दिवस में डीएम को प्रकरण से दिसंबर माह 2018 में अवगत कराते हुए कार्रवाई की मांग की है। डीएम ने सीडीओ को मामले में बीडीओ, डीपीआरओ और शिकायतकर्ता को बुलाकर 20 दिसंबर तक सुनवाई करने का निर्देश दिया, मगर अब तक सुनवाई नहीं हुई। डीपीआरओ शिवशंकर ¨सह ने बताया कि प्रकरण के निस्तारण की कार्रवाई चल रही है। जल्द ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा।