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जोर पकड़ने लगी कर्मचारियों के समायोजन की मांग

मुंडेरवा चीनी मिल के छंटनीशुदा कर्मचारी तीन दिन से मिल गेट पर अनशन कर रहे हैं। नई मिल में समायोजन की मांग को लेकर यह आंदोलन अब तूल पकड़ने लगा है। आंदोलन में अब मृतक आश्रित भी शामिल हो गए हैं। 1999 में मिल में 42 सीजनल व 42 स्थाई कर्मचारी थे। सभी 84 स्थाई कर्मचारियों की 2003-04 में छंटनी कर दी गई।

By JagranEdited By: Published: Mon, 11 Feb 2019 11:31 PM (IST)Updated: Mon, 11 Feb 2019 11:31 PM (IST)
जोर पकड़ने लगी कर्मचारियों के समायोजन की मांग
जोर पकड़ने लगी कर्मचारियों के समायोजन की मांग

बस्ती: मुंडेरवा चीनी मिल के छंटनीशुदा कर्मचारी तीन दिन से मिल गेट पर अनशन कर रहे हैं। नई मिल में समायोजन की मांग को लेकर यह आंदोलन अब तूल पकड़ने लगा है। आंदोलन में अब मृतक आश्रित भी शामिल हो गए हैं। 1999 में मिल में 42 सीजनल व 42 स्थाई कर्मचारी थे। सभी 84 स्थाई कर्मचारियों की 2003-04 में छंटनी कर दी गई। इन कर्मचारियों ने वीआरएस लेने से मना कर दिया था। इनमें से 3 लोग 65 वर्ष की आयु सीमा पार कर चुके हैं, 7 की मृत्यु हो हो चुकी है। मृतक आश्रित तथा पुरानी मिल के दैनिक वेतन भोगी भी समायोजन की मांग को लेकर अनशन में शामिल हैं।

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नौकरी नहीं दे रहे तो दें 2008 तक का वेतन

समायोजन मांग रहे लोगों का कहना है कि मिल बंदी की औपचारिकता शासन के श्रम अनुभाग से जून 2009 में पूरी हुई। तर्क है कि यदि चीनी निगम नौकरी बहाल नहीं कर सकता तो 2008 तक का वेतन और संविदा पर काम करने का मौका दें।

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मुंडेरवा चीनी मिल के सामान्य प्रबंधक आरपी ¨सह का कहना है कि वर्तमान शासनादेश के आलोक में नई मिल में नौकरी बहाल करने का प्राविधान नहीं है। उच्च न्यायालय ने कर्मचारियों की याचिका भी निरस्त कर दी है। मिल से जुड़े वाह्य कार्यों में संविदा पर जो भी रिक्तियां आएंगी उन पर छंटनीशुदा कर्मचारियों को वरीयता दी जाएगी।


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