यातायात नियम की टूटी पटरी पर खतरे की गाड़ी
कई बसों में नहीं मिलीं सीट बेल्ट तो कुछ में मिलीं खराब
बस्ती: परिवहन निगम यातायात नियमों के कड़ाई की बात करता है। दूसरी ओर खुद यातायात नियम की टूटी पटरी पर विभाग की खतरे की गाड़ी दौड़ रही है। कार्रवाई के नाम पर टीमें जरूर गठित हैं, लेकिन तस्वीर तो यही बता रही है कि वे इससे काफी दूर खड़ी हैं।
'जागरण' ने सोमवार को रोडवेज बसों में सीट बेल्ट के नियम पालन की पड़ताल की। नियम पालन तो दूर की बात है, कुछ बसों में सीट बेल्ट ही नहीं थी। कुछ में टूटी हुई मिली। जिनमें सीट बेल्ट थी, उसमें चालक बिना लगाए ही गाड़ी चलाते मिले। प्रयागराज डिपो की गोरखपुर मार्ग पर चलने वाली यूपी 70- 5291 में सीट बेल्ट थी, लेकिन चालक बिना सीट बेल्ट के ही गाड़ी चला रहा था। बस्ती डिपो की गोरखपुर-लखनऊ रूट पर चलने वाली यूपी 53 बीटी 4409, यूपी 51 एटी 7477 के चालक भी ऐसा ही करते मिले। ऊपर से उनका तर्क भी अजब था कि सीट बेल्ट लगाकर गाड़ी चलाने में दिक्कत होती है। गोरखपुर रूट की छह, सिद्धार्थनगर रूट की चार व लखनऊ रुट पर चलने वाली तीन बसों में सीट बेल्ट नहीं मिली। यूपी 53 सीटी 2080 बस में सीट बेल्ट खराब थी।
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क्या है नियम?
बिना सीट बेल्ट के बस चलाते हुए पकड़े जाने पर मोटर वाहन अधिनियम की धारा 138 (3), सपठित केंद्रीय मोटर वाहन नियमावली के नियम 177 के अन्तर्गत पहली बार में 500 तथा दूसरी बार पकड़े जाने पर 1000 रुपये का जुर्माना है। इसके बाद भी यदि चालक सीट बेल्ट नहीं लगाता है तो लाइसेंस निलंबित करने का प्रविधान है।
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चालकों को चेक करने के लिए टीम लगाई गई है। एक दर्जन बसों को छोड़कर सभी में सीट बेल्ट लगी हैं। जिनमें नहीं हैं, उनमें शीघ्र लगवा दी जाएंगी। कुछ बसों में टूट गई हैं, उन्हें भी ठीक कराया जा रहा है।
-आरपी सिंह, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक, परिवहन।