जेब में सीयूजी, दूसरे नंबर से चल रहा थानेदारों का काम
जिले के अधिकांश थानेदारों का सीयूजी नंबर जल्दी उठता ही नहीं है। यदि उठता है तो ठीक से बात नहीं हो पाती है। परशुरामपुर थाने का सीयूजी नंबर तो एक माह से बंद है। अफसरों से वह अपने व्यक्तिगत नंबर से संपर्क कर लेते हैं।
बस्ती: जिले के अधिकांश थानेदारों का सीयूजी नंबर जल्दी उठता ही नहीं है। यदि उठता है तो ठीक से बात नहीं हो पाती है। परशुरामपुर थाने का सीयूजी नंबर तो एक माह से बंद है। अफसरों से वह अपने व्यक्तिगत नंबर से संपर्क कर लेते हैं। ऐसे में जनता यदि थानेदार को कोई सूचना देना चाहे तो किस नंबर पर दे, यह बड़ा सवाल है। यह दिक्कत जिले के सीमावर्ती आधा दर्जन थानों में अधिक है।
महिला थाने को लेकर कुल 17 थाने हैं। हर थानेदार को एक सीयूजी नंबर सरकार ने दिया है जो सार्वजनिक है। इस पर कोई भी कभी भी फोन कर सकता है। यह भी आदेश है कि इस नंबर को कभी बंद भी नहीं किया जा सकता है। इसके बावजूद थानेदारों का सीयूजी नंबर लापरवाही की भेंट चढ़ गया है। जिले के सीमावर्ती थाने पैकोलिया, गौर, छावनी, परशुरामपुर, कलवारी, लालगंज के थानेदारों से सीयूजी नंबर पर बात करना आसान नहीं है। थानेदार इसके लिए खराब नेटवर्क को जिम्मेदार बताते हैं। कुछ थानेदार तो ऐसे हैं जो सीयूजी नंबर को भी कभी-कभी बंद कर देते हैं। एसपी हेमराज मीणा ने कहा कि यह सही है कि कई थानेदारों के सीयूजी नंबर पर बात नहीं हो पा रही है। किसी का सीयूजी नंबर मिलाने पर स्विच आफ आ रहा है। इसके लिए बीएसएनएल जिम्मेदार है। उसकी खराब सेवा के कारण सीयूजी काम नहीं कर पा रहा है।