गुड फ्राइडे पर चर्च में हुई प्रार्थना सभा
क्षेत्र के लिटिल फ्लावर स्कूल स्थित चर्च में स्थानीय मसीही परिवारों ने पूजा - अर्चना के साथ गुड फ्राइडे को श्रद्धा के साथ मनाया। इसाई समुदाय में गुडफ्राइडे का खासा महत्व है। इस दिन मसीह को सूली पर चढ़ाया गया था। इसके तीन दिन बाद ही वह जीवित हो गए थे।
बस्ती: क्षेत्र के लिटिल फ्लावर स्कूल स्थित चर्च में स्थानीय मसीही परिवारों ने पूजा - अर्चना के साथ गुड फ्राइडे को श्रद्धा के साथ मनाया। इसाई समुदाय में गुडफ्राइडे का खासा महत्व है। इस दिन मसीह को सूली पर चढ़ाया गया था। इसके तीन दिन बाद ही वह जीवित हो गए थे। उस दिन को ईस्टर संडे मनाए जाने की परंपरा है। मान्यता है कि यीशु मसीह ने लोगों की भलाई के लिए अपनी जान दी थी। चर्च के फादर सबास्टियन ने बताया कि धर्म ग्रंथों के अनुसार प्रभु यीशु को बिना किसी अपराध के कठोर से कठोर सजा देते हुए सूली पर लटका दिया गया था। प्रभु यीशु ने अपने हत्यारों को सजा देने के बजाए प्रभु से इनको माफ करने की प्रार्थना की थी। जिस दिन यीशु मसीह को सूली पर लटकाया गया था उस दिन फ्राइडे था। तभी से इस दिन को गुड फ्राइडे कहा जाता है। यीशु ने लोगों को क्षमा, शांति, दया, करूणा, परोपकार, अहिसा, सद्व्यवहार एवं पवित्र आचरण का उपदेश दिया। सिस्टर बेट्सी, सिस्टर जोशी, ज्योति, सिस्टर बियानी, सिस्टर निकिता, रंचिता, निम्मी, साइनी, सैजू सहित लोग मौजूद रहे। शहर के सेंटजेम्स चर्च, सेंट बेसिल चर्च में भी गुडफ्राइडे मनाया गया।