बेसहारों को पुकार रही कान्हा की गोशाला
बेसहारा जानवरों को संरक्षित करने की कवायद अभी पूरी नहीं हुई है। जनपद में पांच-पांच सौ जानवर रखने की क्षमता वाले दो कान्हा गोशाला का निर्माण कर 10 जनवरी तक बेसहारा पशुओं को सुरक्षित ठौर देना था। मगर इस अवधि में निर्माण कार्य बमुश्किल पूरा हो पाया
बस्ती : बेसहारा जानवरों को संरक्षित करने की कवायद अभी पूरी नहीं हुई है। जनपद में पांच-पांच सौ जानवर रखने की क्षमता वाले दो कान्हा गोशाला का निर्माण कर 10 जनवरी तक बेसहारा पशुओं को सुरक्षित ठौर देना था। मगर इस अवधि में निर्माण कार्य बमुश्किल पूरा हो पाया। अभी पशुओं को पकड़कर गोशाला नहीं लाया जा सका। सड़कों और खेतों में घूम रहे हैं। इनकी सुरक्षा में मानव और फसल दोनों की सुरक्षा समाहित है।
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नगर पालिका की गोशाला में लाए गए तीन पशु
नगर पालिका कार्यालय के पीछे पांच सौ की क्षमता वाले कान्हा गोशाला का निर्माण तो पूरा हो गया है। लेकिन बेसहारा पशु यहां अभी तक केवल तीन लाए गए हैं। शहर में छुट्टा पशुओं की भरमार है। सड़क से लगायत गली, मोहल्ले तक में इन्हें देखा जा रहा है। प्रशासन की ओर से इन्हें अभी ढूंढा नहीं जा सका है।
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रुधौली में चल रहा निर्माण
दूसरी गोशाला रुधौली नगर पंचायत में बन रही है। निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। प्रशासनिक अफसरों ने 10 जनवरी तक कार्य पूर्ण करने की हिदायत दी है। गोशाला तो तैयार होने को है लेकिन बेसहारा पशु संरक्षित नहीं हो सके हैं। जिले भर में बेसहारा जानवरों को शरणालय का इंतजार है।
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न्याय पंचायत स्तर पर भी बनेंगे आश्रय
गोवंशीय पशुओं के संरक्षण हेतु न्याय पंचायत स्तर भी अस्थायी आश्रय स्थल बनाए जाएंगे। जमीन की तलाश की जा रही है। शहरी क्षेत्र के गोशाला में बेसहारा जानवरों को रखने की मुहिम शुरू हो गई है। हेल्पलाइन सेवा भी लांच कर दी गई है।
आरपी ¨सह, प्रभारी, मुख्य विकास अधिकारी, बस्ती।