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सेंसर से शुरू हुई मीटर रीडिग और बिलिग

2017 के बाद लगाये गये सभी मीटरों में लगा है सेंसर - सेंसर से रीडिग में घालमेल करने की दूर होंगी शिकायतें

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Oct 2020 06:00 PM (IST)Updated: Fri, 16 Oct 2020 06:00 PM (IST)
सेंसर से शुरू हुई मीटर रीडिग और बिलिग
सेंसर से शुरू हुई मीटर रीडिग और बिलिग

जागरण संवाददाता, बस्ती : बिलिग कार्य अब और अत्याधुनिक हो गया है। मीटर रीडरों को रीडिग देखने व लेने जाने के झंझट से छुटकारा मिल गया है। अब एक सेंसरयुक्त केबल मीटर में लगाया जा रहा है। इससे मीटर नंबर व खाता संख्या मोबाइल में डालते ही बिल तैयार हो जाएगा। इस नई तकनीक से बिलिग कार्य और आसान हो गया है।

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2017 के बाद जिलेभर में लगाए गए मीटरों में सेंसर लगा हुआ है। इन मीटरों में सेंसर लगने से मीटर रीडर सेंसरयुक्त केबल लगाते ही उनके मोबाइल में रीडिग आ जाएगा। उसके बाद बिल निकल जाएगा। नया जीनस मीटर, एचपीएल मीटर, एल-एंड-टी व सिक्योर कंपनी के लगे मीटर सेंसरयुक्त हैं। अधीक्षण अभियंता विद्युत वितरण इं. आरबी कटियार ने बताया कि पहले चरण में सेंसर लगे मीटरों में यह सुविधा दी गई है। इससे रीडिग कम व अधिक होने का संकट खत्म हो गया है। जो सही रीडिग होगा वह सेंसर बता देगा। इससे गड़बड़ी पर भी अंकुश लगेगा। यह व्यवस्था सभी विद्युत वितरण खंडों में अनिवार्य कर दी गई है। बिलिग कार्य में तेजी लाने के लिए यह तरीका काफी ठीक है। अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड प्रथम संतोष कुमार ने बताया कि शहरी क्षेत्र में हर माह 31 हजार इस तरह से बिल निकाले जा रहे हैं। अधिशासी अभियंता मीटर घनेंद्र सिंह ने बताया कि नए मीटर में मोबाइल बिलिग की सुविधा दी गई है। शहर में अधिकतर मीटरों में यह सुविधा चालू कर दी गई है।


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